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Explainer: क्‍या होता है El Nino, भारत में मानसून को कैसे करता है प्रभावित? इस साल भी बढ़ी च‍िंता

भारत के मौसम वैज्ञान‍िकों ने 2023 में सामान्य मानसून वर्षा की भविष्यवाणी की है। इसके साथ ही मानसून (जून से सितंबर) के दौरान अल नीनो के विकसित होने की 90 प्रत‍िशत संभावना भी बनी हुई है। ऐसे में इस बार सामान्य से कम बारिश होने की संभावना बढ़ गई है।

By Vinay SaxenaEdited By: Vinay SaxenaPublished: Wed, 17 May 2023 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2023 05:27 PM (IST)
Explainer: क्‍या होता है El Nino, भारत में मानसून को कैसे करता है प्रभावित? इस साल भी बढ़ी च‍िंता
अल नीनो (El Nino) ने देश के ल‍िए च‍िंता पैदा कर दी है।

नई द‍िल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। भारत के ल‍िए मानसून की बार‍िश बहुत जरूरी है। मानसून की वजह से देश में करीब 70 प्रत‍िशत बार‍िश होती है। इससे चावल, गेहूं, गन्ना, सोयाबीन और मूंगफली जैसी प्रमुख फसलों की उपज पर असर पड़ता है। मौसम व‍िभाग ने इस साल सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है। लेक‍िन, अल नीनो (El Nino) ने देश के ल‍िए च‍िंता पैदा कर दी है। इसका सीधा असर मानसून पर पड़ेगा। जानते हैं क्‍या है अल नीनो और ये भारत में मानसून पर क‍िस तरह असर डालता है।

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क्‍या है अल नीनो?

El Nino एक समुद्री घटना है। प्रशांत महासागर में असामान्य रूप से गर्म पानी की मौजूदगी की वजह से जलवायु प्रभावि‍त होती है। तापमान गर्म हो जाता है। अल नीनो की वजह से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाला गर्म सतह वाला पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ने लगता है। इसकी वजह से भारत में भी मौसम पर असर पड़ता है। भयानक गर्मी का सामना करना पड़ता है। सूखे की स्‍थि‍ति बन जाती है।

अल नीनो और भारत में मानसून की बार‍िश का कनेक्‍शन

भारत के मौसम वैज्ञान‍िकों ने 2023 में सामान्य मानसून वर्षा की भविष्यवाणी की है। इसके साथ ही मानसून (जून से सितंबर) के दौरान अल नीनो के विकसित होने की 90 प्रत‍िशत संभावना भी बनी हुई है। ऐसे में इस बार सामान्य से कम बारिश होने की संभावना बढ़ गई है।

भारत में अल नीनो का अब तक कैसा रहा असर

दरअसल, इससे पहले भारत ने अधिकांश अल नीनो पैटर्न व‍िकस‍ित होने के दौरान औसत से कम बार‍िश का अनुभव किया गया है। कभी-कभी गंभीर सूखे की वजह से फसलें नष्ट हो जाती हैं और अधिकारियों को कुछ खाद्यान्नों के निर्यात को सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कभी-कभी भारत में अल नीनो वर्षों के दौरान सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश भी हुई है।

प‍िछले 4 सालों से अल नीनो की वजह से भारत में सूखे की स्‍थि‍ति

पिछले सात दशकों में अल नीनो मौसम का पैटर्न 15 बार व‍िकसि‍त हुआ और भारत में छह बार सामान्य या सामान्य से अधिक बार‍िश हुई। हालांकि, पिछले चार अल नीनो वर्षों में इसके व‍िपरीत भारत लगातार सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है और बार‍िश लंबी अवधि के औसत के 90 प्रत‍िशत से कम हो रही है। मौसम व‍िभाग का कहना है क‍ि अल नीनो 2023 मजबूत हो सकता है। अल नीनो की वजह से भारत में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है।

भारत में मानसून की बार‍िश क्‍यों है जरूरी?

कृषि प्रधान देश के ल‍िए मानसून बहुत महत्‍वपूर्ण है। मानसून की वजह से देश में करीब 70 प्रत‍िशत बार‍िश होती है। मानसून की बारिश चावल, गेहूं, गन्ना, सोयाबीन और मूंगफली जैसी प्रमुख फसलों की उपज पर असर डालती है। भारत की 3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में लगभग 19 प्रत‍िशत का योगदान करती है और 1.4 अरब आबादी के आधे से अधिक हिस्से को रोजगार देती है। ऐसे में देश में मानसून बहुत जरूरी है।


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