Move to Jagran APP

अल नीनो के बाद अब एशियाई देशों में बढ़ा ला नीनो का खतरा

अल नीनो के बाद अब एशियाई देशों में ला नीनो का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने इसकी वजह से कई क्षेत्रों में बाढ़ आने और भूस्‍खलन की आशंका जताई गई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 07:01 PM (IST)
अल नीनो के बाद अब एशियाई देशों में बढ़ा ला नीनो का खतरा

कुआलालंपुर (एएफपी)। एशियाई देशों में अल नीनो के उत्पात के बाद अब ला नीनो का खतरा मंडराने लगा है। अल नीनो की वजह से पड़े सूखे और गर्मी ने कई क्षेत्रों में खाद्यान्न और पेयजल का संकट खड़ा कर दिया है। खेती पर भी दुष्प्रभाव पड़ा है। वहीं ला नीनो के कारण मौसम विशेषज्ञों ने कई क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका जताई है।

loksabha election banner

पिछले साल शुरू हुआ अल नीनो का चक्र अब तक का सबसे शक्तिशाली मौसम चक्र है। इसके प्रभाव से कई नदियां सूखकर दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। एक अनुमान के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में अल नीनो से तकरीबन 10 अरब डॉलर (करीब 650 अरब रुपये) का नुकसान हुआ है। अगले कुछ महीनों में अल नीनो का असर तो कम होने की उम्मीद है, लेकिन इतना ही बड़ा एक और खतरा सामने आ रहा है। करीब इतनी ही ताकत के साथ ला नीनो दुनिया को अपने कब्जे में लेने वाला है। एशिया में इसका प्रभाव ज्यादा होगा। यहां भीषण बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है।

इस वर्ष गर्मी में सामान्य से अधिक होगा तापमान

अमेरिका में मानवीय मामलों के अंडर सेक्रेटरी जनरल स्टीफन ओ ब्रायन ने कहा कि सामान्य तौर पर अल नीनो के बाद ला नीनो आता है। इस बार यह ज्यादा भयावह हो सकता है। अल नीनो के कारण पहले ही दुनियाभर में करीब छह करोड़ लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है।

समुद्री खाद्य श्रृंखला को बर्बाद कर सकता है अल नीनोः नासा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.