घाटी में बोले लोग- दुआ करो, ऐसी हो ईद; सब हो जाएं कश्मीर के मुरीद, जानें- अब क्या हैं मौजूदा हालात
Eid al-Adha के मौके पर ज्यादातर कश्मीरियों का कहना है कि पत्थरबाजों और आजादी का नारा देने वालों का एजेंडा अब खत्म हो चुका है। सभी चाहते हैं कि ईद के रंग में भंग न पड़े।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दो दिन बाद ईद है। अब कश्मीर ईद के जश्न में सराबोर होने लगा है। कश्मीर के गलियों और बाजारों में पसरा सन्नाटा गायब हो रहा है। सड़कों पर सुरक्षाबल घट रहे हैं। दुकानें खुल रही हैं, जो बता रही हैं कि ईद से पहले सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
हालांकि प्रशासन ने हालात को देखते हुए धारा 144 जारी रखी है। वहीं, टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। इस बीच, शनिवार को वादी के कुछेक हिस्सों में शरारती तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव किया, लेकिन मुस्तैद सुरक्षाबलों ने उन्हें भगा दिया। वहीं, दूसरी ओर जम्मू में स्कूल-कॉलेज खुलने से रौनक लौट आई है। जबकि चार दिन बाद कारगिल में भी ईद की तैयारी के चलते बाजार खुल गए हैं।
सुरक्षाबलों ने नहीं दिखाई सख्ती
शनिवार को भी वादी के सभी शिक्षण संस्थान और प्रमुख बाजार बंद रहे। कुछेक इलाकों को छोड़ वादी में कहीं भी सुरक्षाकर्मियों ने धारा 144 पर सख्ती नहीं की। ऐसे में सभी जगह दुकानें खुलीं। रेजिडेंसी रोड पर एटीएम के बाहर खड़े इरशाद हुसैन ने कहा कि लोग चाहते हैं धारा 144 जल्द हटे। पत्थरबाजों और आजादी का नारा देने वालों का एजेंडा अब खत्म हो चुका है। सभी चाहते हैं कि ईद के रंग में भंग न पड़े।
मुझे दुकान खोलने से किसी ने नहीं रोका
बटमालू के एक दुकानदार मोहम्मद युसुफ ने कहा कि पुलिस लोगों की आवाजाही नहीं रोक रही। मैंने पिछले शनिवार को अपनी दुकान बंद की थी और आज खोली। मुझे किसी ने नहीं रोका। सरकार को जल्द टेलीफोन और इंटरनेट शुरू करना चाहिए।
शरारती तत्वों पर हो कार्रवाई
जानवर मंडी में कुर्बानी के लिए जानवर खरीदने आए मुख्तार अहमद ने कहा कि दुआ करो इस ईद के बाद लोग कश्मीर के मुरीद हो जाएं। यहां सभी को सामान्य जिंदगी चाहिए। सरकार को शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जम्मू में स्कूल-कॉलेज खुलने से लौटी रौनक
जम्मू शहर में सोमवार से बंद स्कूल और कॉलेज शनिवार को खुल गए। पांच दिन बाद स्कूल और कॉलेज तो खुले लेकिन हाजिरी कम रही। लेकिन इससे शहर में रौनक लौट आई। बता दें कि जम्मू शहर में धारा 144 लगाए जाने के बाद सोमवार से ही स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद थे।
चार दिन बाद खुला कारगिल
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाने के विरोध में चार दिन से बंद कारगिल शनिवार को खुल गया। ईद को देखते हुए कारगिल को खोला गया है। कारगिल में शुक्रवार को राज्य के गृह विभाग में प्रमुख सचिव शालीन काबरा ने भाजपा को छोड़ सभी राजनीतिक दलों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेताओं से मुलाकात की थी।
इन नेताओं का कहना था कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला कारगिल को मंजूर नही है। हम न जम्मू कश्मीर का विभाजन चाहते थे और न ही हमें केंद्र शासित प्रदेश ही चाहिए था। उन्होंने कहा कि हम केंद्र शासित राज्य के दर्जे को तभी स्वीकार करेंगे जब हमारी संस्कृति, रोजगार और भूमि के अधिकार के सरंक्षण का विश्वास दिलाया जाए।
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