नई दिल्ली, एजेंसी। Eid-ul-Fitr 2020: जम्मू कश्मीर और केरल में ईद रविवार को मनाई जा रही है जबकि देश के बाकी हिस्सों में इसे सोमवार को मनाया जाएगा। रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने पर इस त्योहार को मनाया जाता है। ईद उल फितर को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। जबकि कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण इस ईद पर पहले जैसी चकाचौंध देखने को नहीं मिल रही है। लॉकडाउन की वजह से सभी लोग अपने-अपने घरों में ही ईद मनाएंगे। शनिवार को भारत में चांद नहीं देखा गया जिसके बाद जामा मस्जिद के इमाम ने ऐलान किया कि देशभर में 25 मई यानी सोमवार को ईद मनाई जाएगी। कोरोना वायरस के चलते धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों ने लोगों को घरों में ही रहने और वहीं पर ईद की नमाज पढ़ने की सलाह दी है। वहीं दिल्ली में रविवार को खरीदारी करने कुछ बाजारों में भीड़ देखी गई।
Delhi: People gather in large numbers at the market near Jama Masjid ahead of #EidUlFitr tomorrow. pic.twitter.com/tOAbjO2ZKj
— ANI (@ANI) May 24, 2020
ईद यानी ईद उल फित्र दुनियाभर में मनाने जाने वाले सबसे पवित्र मुस्लिम त्योहारों में से एक है। भारत और अरब देशों में लोग बड़ी ही उत्सुकता से ईद के एक दिन पूर्व शाम को चांद का दीदार करते हैं। केरल और जम्मू-कश्मीर में आज ईद मनाई गई। वहीं बाकी पूरे देश में सोमवार 25 मई को ईद-उल-फित्र होगी। दुनिया में चांद देखने के वक्त अलग-अलग होता है इसलिए ईद मनाए जाने की तारीख भी ऊपर-नीचे होती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 23 मई को चांद नहीं देखा जा सका। इसलिए अब 24 मई को चांद देखने के बाद 25 मई दिन सोमवार को ईद मनाई जाएगी। मतलब 30 दिनों से रोजा रख रहे रोजेदारों को ईद के लिए एक दिन और इंतजार करना होगा। साथ ही 31वें दिन 24 मई को रोजा रखना होगा।
Eid-ul-Fitr 2020 LIVE
सेवईयां की मिठास के साथ ईद की मुबारकबाद
ईद के चांद के दीदार की ख्वाहिश हर किसी शख्स के मन में होती है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के हिसाब से उसके दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। ईद मनाने का मकसद यह होता है कि रमजान के महीने में रोजा रखकर तन और मन को शुद्ध और पवित्र किया जाता है। इससे आत्मा का भी शुद्धिकरण होता है। इसलिए इसका अज मिलने का दिन ईद कहलाता है।
-इस साल ईद-उल-फितर कई मायनों में अलग होगा। इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशों ने लॉकडाउन लगाया है। ल़कडाउन के चलते इस बार लोग ईद की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद नहीं जा पाएंगे। और ना ही इस साल लोग रिश्तेदारों के पास जा सकेंगे। इस साल लोगों को घर पर रहकर ही ईद का यह पावन त्योहार मनाना पड़ेगा।
-केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मैं अपनी जिंदगी में पहली बार नमाज़ घर पर पढ़ूंगा। जगह बदलेगी पर जज़्बा नहीं। ये बात सही है कि कोरोना की जो चुनौतियां हैं उसकी वजह से रमज़ान से जुड़े फर्ज़ हैं वो सब लोगों ने घर पर पूरे किए। मुझे पूरी उम्मीद है कि लोग ईद भी घर पर ही मनाएंगे। मैं अपनी जिंदगी में पहली बार नमाज़ घर पर पढ़ूंगा। जगह बदलेगी पर जज़्बा नहीं। ये बात सही है कि कोरोना की जो चुनौतियां हैं उसकी वजह से रमज़ान से जुड़े फर्ज़ हैं वो सब लोगों ने घर पर पूरे किए। मुझे पूरी उम्मीद है कि लोग ईद भी घर पर ही मनाएंगे।
For the first time, we will offer prayer & celebrate #EidUlFitr at home due to #COVID19 pandemic but that will not affect the festive spirit. We will pray that the country gets rid of COVID-19 at the earliest: Union Minister of Minority Affairs Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/dVdusITj72
— ANI (@ANI) May 24, 2020
-मंगलुरू में एक युवक ने बताया कि हम सरकार द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम ईद को ऐसे मनाएंगे। एक न एक दिन सब ठीक हो जाएगा। हमने ये प्रतिज्ञा ली है कि इस बार ईद हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही मनाएंगे और किसी भी रिश्तेदार के घर पर नहीं जाएंगे।
-जम्मू-कश्मीर में लोग ईद मना रहे हैं। इस मौके पर पुंछ की जामा मस्जिद में कुछ लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज़ अदा की। राज्य में सभी लोग सरकार के गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर: ईद के मौके पर पुंछ की जामा मस्जिद में कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज़ अदा की। #EidUlFitr pic.twitter.com/GhFizu1qL0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 24, 2020
-केरल के मलप्पुरम में कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर लोगों ने इद की नमाज़ अपने घरों पर ही अदा की। लोग लॉकडाउन और जारी किए गए सभी जरूरी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
Kerala: People in Malapurram offer #EidUlFitr prayers at their homes as mosques remain closed for devotees, amid COVID19 lockdown. pic.twitter.com/zFm1oM0y9B
— ANI (@ANI) May 24, 2020
- जम्मू-कश्मीर में ईद आज मनाई जा रही है। लॉकडाउन के बीच जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आवाजाही की अनुमति है, दुकानें बंद। लोग अपने घरों में रहकर ईद मना रहे हैं। तस्वीरें श्रीनगर से
Jammu and Kashmir: People made purchases ahead of Eid-ul-Fitr in Doda. A local says,"Doda is a green zone but it doesn't mean we have to be complacent. People were seen violating norms of social distancing today,even administration is not as active as it was earlier".(23.05.20) pic.twitter.com/jLPH84AuGw
— ANI (@ANI) May 23, 2020
- केरल में ईद आज मनाई जा रही है। तिरुवनंतपुरम की जुमा मस्जिद बंद है, लोग ईद की नमाज अपने घरों में अदा करेंगे।
Kerala: Kochi's Juma Masjid remains closed for devotees on #Eid today, amid COVID19 lockdown pic.twitter.com/UPy2L97vPu
— ANI (@ANI) May 24, 2020
-दिल्ली में ईद के पहले जामा मस्जिद इलाके में खरीदारी करते लोग।
Delhi: Eid to be celebrated in the country tomorrow, except in Jammu&Kashmir and Kerala where it will be celebrated today. Delhi's Jama Masjid's Shahi Imam, Syed Ahmed Bukhari has urged people to maintain social distancing and follow government guidelines. pic.twitter.com/uKqru9tiQf
— ANI (@ANI) May 24, 2020
ईद उल-फितर का महत्व
रमजान के पाक माह में व्यक्ति गर्मियों में भूख-प्यास बर्दाश्त करता है, उसी प्रकार जीवन में घटने वाली सभी परिस्थितियों को बर्दाश्त करना होता है। ईद उल-फितर त्याग की भावना समझता है, यह पर्व बताता है कि इंसानियत के लिए अपनी इच्छाओं का त्याग करना चाहिए, ताकि एक बेहतर समाज को बनाया जा सके। हमेशा भाईचारे के साथ रहना चाहिए ताकि हर घर में सुख और शांति रहे।
जानें- ईद उल-फितर का मकसद
पवित्र कुरान के अनुसार, रजमान के महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देता है। बख्शीश और इनाम देता है। बख्शीश और इनाम के इस दिन को ईद-उल-फितर कहा जाता है। इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए एक खास रकम निकालते हैं, जिसे जकात (दान) कहते हैं। इस जकात उनकी जरूरतों को पूरा किया जाता है और जिससे इस पर्व का बराबरी का मकसद पूरा हो सके।
इमाम बुखारी ने कहा ईद पर सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें
इस बीच दिल्ली स्थिति जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने बताया कि यह भी जरूरी है कि इस कोरोना काल में हम एहितियात बरतें और सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन करें। हमें ईद पर हाथ मिलाने और गले लगने से परहेज करना चाहिए। सभी लोग सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।
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