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यहां पर दशकों से मुस्लिम परिवार बना रहे विशालकाय रावण परिवार के पुतले

मथुरा से आए एक ही परिवार के सदस्य इन दिनों विशालकाय रावण परिवार के पुतले तैयारी में जुटे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 08:11 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:32 PM (IST)
यहां पर दशकों से मुस्लिम परिवार बना रहे विशालकाय रावण परिवार के पुतले
यहां पर दशकों से मुस्लिम परिवार बना रहे विशालकाय रावण परिवार के पुतले

सुभाष शर्मा, उदयपुर। हिन्दुओं के प्रमुख पर्व दशहरे पर हर साल विशालकाय रावण परिवार के पुतले एवं लंकादहन का कार्यक्रम उदयपुर के महाराणा भूपाल स्टेडियम में कई दशकों से होता आया है। रावण दहन कार्यक्रम को देखने हजारों लोगों की भीड़ भी उमड़ती है लेकिन यह बहुत कम लोगों को पता है कि कई दशकों से रावण के पुतलों का निर्माण मुस्लिम परिवार के सदस्य करते आ रहे हैं। मथुरा से आए एक ही परिवार के सदस्य इन दिनों रावण परिवार के पुतले तैयारी में जुटे हैं।

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हर साल की भांति बिलोचिस्तान पंचायत व सनातन धर्म सेवा समिति की ओर से इस बार भी शक्तिनगर स्थित कम्यूनिटी हॉल में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के विशालकाय पुतले बनाए जा रहे हैं। पुतलों का निर्माण कार्य करने वाले वरिष्ठ कलाकार शाकिर अली का कहना है कि वह पिछले 33 साल से उदयपुर में दशहरे के लिए रावण परिवार के सदस्यों के पुतले बनाता आ रहा है। शुरुआत में यहां तीस से पैंतीस फीट का रावण बनाया जाता था लेकिन उसकी लंबाई-चौड़ाई हर साल बढ़ती रही।

इस साल सभी कलाकार मिलकर रावण का सत्तर फीट लंबा पुतला तथा कुंभकरण और मेघनाद के 65-65 फीट के पुतले तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा सौ फीट की रावण की लंका भी बनाई जा रही है। इन्हें वह विभिन्न टुकड़ों में बना रहे हैं और बाद में दशहरे से एक दिन पहले यहां के अस्थायी रामलीला मैदान यानी महाराणा भूपाल स्टेडियम में खड़े करेंगे। शाकिर भाई बताते हैं कि पूर्व में जहां आठ-दस सदस्य उदयपुर रावण परिवार के पुतले बनाने आते थे, वहीं कलाकारों की संख्या दोगुनी हो गई है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा उन्हें अन्य कई जगहों के लिए ऑर्डर मिले लेकिन उदयपुर से बना रिश्ता वह कभी नहीं भूलते। दूसरी जगह से अधिक पैसे भी मिलें तो भी वह उदयपुर आना पसंद करते हैं। वह बताते हैं कि रावण के पुतले बनाने के लिए उनका परिवार लगभग एक महीने तक उदयपुर में रहता है। इसके लिए आयोजक संस्था उनके लिए व्यवस्था करती है। उन्होंने उदयपुर के अलावा मुम्बई, आगरा, चंडीगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और उड़ीसा प्रांत के विभिन्न शहरों में जाकर रावण परिवार के पुतले बनाए। यहां तक बॉलीवुड फिल्मों में भी पुतलों के निर्माण के लिए उन्हें बुलाया जाता रहा है। 


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