11 लाख स्र्पये के इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुनर्वास नीति का दिख रहा प्रभाव
प्रशासन की पुनर्वास नीति अपना रंग दिखा रही है। पिछले कुछ दिनों से यहां नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है।
बीजापुर, जेएनएन। नक्सलवादी विचारधारा के प्रति मोह भंग होने और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आए दिन नक्सली बस्तर में आत्मसमर्पण कर रहे हैं। इसी कड़ी में बीजापुर जिला मुख्यालय पहुंचे चार नक्सलियों ने सोमवार को पुलिस के समझ मीडिया की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया। इनमें एक आठ लाख का इनामी कमांडर और तीन लाख स्र्पये का इनामी डिप्टी कमांडर व एक महिला नक्सली भी शामिल है।
मुख्यधारा से जुड़ने की अपील
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा के मार्गदर्शन में यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के साथ मिलकर नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस और सुरक्षा बल लगातार यहां नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उनसे मुख्य धारा में जुड़ने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचे पीएलजीए बटालियन 01 के कंपनी नम्बर 01 के सेक्शन कमांडर 8 लाख का इनामी राकेश उईका और प्लाटून नंबर 13 के सेक्शन डिप्टी कमाण्डर 3 लाख के इनामी कक्केम सुक्कु उर्फ सुख लाल सहित 4 माओवादियों ने पुलिस व मीडिया के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
राकेश उईका उर्फ बिल्ला
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि राकेश उईका उर्फ बिल्ला (26 वर्ष) दक्षिण बस्तर डिवीजन में सेक्शन कमांडर के ओहदे पर सक्रिय रहते हुए कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका था। वर्ष 2010 में पश्चिम बस्तर स्मॉल एक्शन टीम में शामिल होने के बाद से वह पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला, हेलीकॉप्टर पर फायरिंग, मिनपा कैम्प में हमला, एम्बुश लगाने सहित कई अन्य घटनाओं में शामिल रहा है।
कक्केम सुक्कु
आत्मसमर्पण करने वाला दूसरा नक्सली कक्केम सुक्कु (32 वर्ष) भैरमगढ़ एरिया कमेटी में वर्ष 2003 से काम कर रहा था। वह नक्सलियों के ट्रेनिंग स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करता था। इसके साथ ही वह फायरिंग और आगजनी की कई घटनाओं में शामिल रहा है। इनके अलावा बुधरू मोड़ियाम (30 वर्ष) और सोमारी कड़ती (32 वर्ष) ने भी आत्मसमर्पण किया है। सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ इन्हें दिया जाएगा। प्रारंभिक सहायता के तहत इन्हें 10-10 हजार स्र्पये का चेक प्रदान किया गया है।
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