देश के साढ़े तीन सौ से ज्यादा जिलों में शिक्षा का स्तर उत्तम, मंत्रालय ने जारी की परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2019-20 की रिपोर्ट
खासबात यह है कि वर्ष 2018-19 में एक भी जिला उत्कर्ष श्रेणी में नहीं था जबकि अति उत्तम श्रेणी में 49 और उत्तम श्रेणी में 267 जिले शामिल थे। यानी कुल 316 जिलों का ही प्रदर्शन उत्तम या उससे बेहतर था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा में तेजी से हो रहे सुधारों को निचले स्तर तक परखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पहली बार जिला स्तरीय परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI-D) रिपोर्ट जारी की है। कोरोना के चलते समय पर इसके आकलन का काम पूरा न हो पाने के चलते मंत्रालय ने सोमवार को वर्ष 2018-19 और 2019-20 की एक साथ रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव दिखा है। देश के करीब 365 जिलों में स्कूली शिक्षा का स्तर पर उत्तम या उससे भी बेहतर पाया गया है।
वहीं, पहली बार तीन जिलों ने उत्कर्ष श्रेणी में जगह बनाई है, जबकि उच्चतम दक्ष श्रेणी में एक भी जिला नहीं पहुंच पाया। शिक्षा मंत्रालय ने जिलों में स्कूली शिक्षा में आए बदलावों की परख वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। हालांकि, वर्ष 2018-19 में स्कूली शिक्षा की यह परख सिर्फ 54 बिंदुओं पर की गई है, जबकि वर्ष 2019 - 20 में इसकी परख 83 बिंदुओं पर की गई है।
आठ जिलों ने अपने पीजीआई स्कोर में 20 प्रतिशत से अधिक का किया सुधार
मंत्रालय के मुताबिक इस रिपोर्ट का उद्देश्य जिलों के बीच एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है, जो उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रेरित कर सके। इसका असर भी दिखा। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में आठ जिलों ने अपने पीजीआई स्कोर में 20 प्रतिशत से अधिक का सुधार किया। वहीं, 14 जिलों ने अपने स्कोर में 10 प्रतिशत तक का सुधार किया। अन्य 423 जिलों ने अपने प्रदर्शन में 10 प्रतिशत से कम सुधार किया था, लेकिन पहली की श्रेणी में जगह बनाए रहे।
साल 2019- 20 में देश के तीन जिलों का पीजीआई उत्कर्ष श्रेणी में
खासबात यह है कि वर्ष 2018-19 में एक भी जिला उत्कर्ष श्रेणी में नहीं था, जबकि अति उत्तम श्रेणी में 49 और उत्तम श्रेणी में 267 जिले शामिल थे। यानी कुल 316 जिलों का ही प्रदर्शन उत्तम या उससे बेहतर था। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019- 20 में देश के तीन जिलों का पीजीआई उत्कर्ष श्रेणी में है, वह सीकर, झुंझुनू व जयपुर ( सभी राजस्थान) है। वहीं, अति उत्तम श्रेणी में 86 जिले, उत्तम श्रेणी में 276 जिले शामिल है।
85 से 90 अंक पाने वाले जिलों को उत्तम श्रेणी में रखा गया
यह रिपोर्ट नौ श्रेणियों में तैयार की गई है। जिसमें पहली श्रेणी दक्ष श्रेणी है, लेकिन दोनों रिपोर्ट में एक भी जिला इस श्रेणी में जगह नहीं बना पाया। इसके अलावा उत्कर्ष, अति उत्तम, उत्तम, आकांक्षी जैसी श्रेणी है। इनमें दक्ष श्रेणी में सिर्फ वही जिले शामिल होंगे, जिनका प्रदर्शन कुल अंकों में 95 से 100 प्रतिशत के बीच होगा। वहीं, 90 से 95 प्रतिशत अंक पाने वाले जिले अति उत्तम, 85 से 90 अंक पाने वाले जिलों को उत्तम श्रेणी में रखा गया। जिलों का प्रदर्शन कुल छह सौ अंकों पर रखा गया था।
कोई भी अपने जिलों की देख सकेगा श्रेणी
शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल स्कूलों में शिक्षा में जिलों के प्रदर्शन से जुड़ी यह रिपोर्ट आनलाइन जारी कर दी है। जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने जिले की श्रेणी को देख सकेगा। साथ यह भी देख सकेंगा, वह कहां कमजोर है। किस क्षेत्र में बेहतर कर रहा है और उसमें सुधार होने की गुजाइश है। यह रिपोर्ट वेबसाइट pgi.udiseplus.gov.in/#/home पर मौजूद है।
इन आधार पर आंका गया प्रदर्शन
जिलों में स्कूली शिक्षा का प्रदर्शन का जो आधार था, वह लर्निंग आउटकम, शिक्षकों की उपलब्धता, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षा, डिजिटल शिक्षा, छात्रों से जड़ी सुविधाएं, प्रशासनिक गतिविधियां, पैसे के इस्तेमाल आदि श्रेणियों से जुड़े 83 मानक शामिल थे।