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मनमोहन का शिक्षा व सोनिया का धर्मनिरपेक्षता पर जोर

कोलकाता [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक विकास दर को बरकरार रखने के लिए शिक्षा पर जोर देने की बात कही तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सांप्रदायिक ताकतों से कारगर ढंग से निबटने की जरूरत बताई। दोनों शनिवार को बंगाल के मालदा जिले में थे।

By Edited By: Published: Sat, 16 Mar 2013 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2013 07:42 PM (IST)
मनमोहन का शिक्षा व सोनिया का धर्मनिरपेक्षता पर जोर

कोलकाता [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक विकास दर को बरकरार रखने के लिए शिक्षा पर जोर देने की बात कही तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सांप्रदायिक ताकतों से कारगर ढंग से निबटने की जरूरत बताई। दोनों शनिवार को बंगाल के मालदा जिले में थे।

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जिले के नारायणपुर में गनी खान चौधरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा, 'शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान दिए बिना विकास दर को बरकरार रखना मुश्किल है। ज्यादा युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा दिलाई जानी चाहिए, ताकि भारत के वैज्ञानिक व इंजीनियर वैश्विक स्तर पर अपना स्थान हासिल कर सकें। बिना दक्ष श्रम बल के हम लंबे समय तक आर्थिक तेजी को बरकरार नहीं रख सकते हैं।' शिक्षा क्षेत्र में केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यो के बारे में उन्होंने कहा, 'उच्चस्तरीय शिक्षा की बेहतरी के लिए हमने बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद द्वारा की गई पहल से पांच करोड़ युवाओं में कौशल विकसित करने का अभियान शुरू किया गया है।'

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिगा गांधी ने इस मौके पर कहा, 'भारत के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सांप्रदायिक ताकतों से कारगर ढंग से निबटने की जरूरत है। आर्थिक व सामाजिक विकास एक साथ होना चाहिए, जिसके लिए हमें सांप्रदायिक ताकतों से जमकर संघर्ष करने की जरूरत है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है और यही हमारी ताकत व पूंजी है। कांग्रेस देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का संरक्षण करने के लिए पूरी तरह तैयार है।' संप्रग द्वारा अल्पसंख्यकों व पिछड़े वर्गो के कल्याण के लिए किए जा रहे उपायों का जिक्र करते हुए सोनिया ने मनरेगा, जेएनएनयूआरएम, भारत निर्माण जैसे कार्यक्रमों का नाम लिया। कहा, असंगठित क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के कार्यक्रम भी चलाए गए हैं। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए जल्द ही एक विधेयक पारित करेगी। बजट में सरकार ने महिलाओं के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक बनाने का ऐलान किया है, जो 1000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ उन्हें कर्ज मुहैया कराएगा। सच्चर समिति की सिफारिशें लागू की जाएंगी और मदरसे में लड़कियों को विशेष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम का विस्तार किया जाएगा। सोनिया ने बताया कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल भी जल्द पारित किया जाएगा।

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