एडिटर्स गिल्ड ने पेगासस मामले में जांच के लिए दायर की याचिका, SC से विशेष जांच दल के गठन का किया अनुरोध
एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने पेगासस जासूसी साफ्टवेयर के जरिये सरकार द्वारा पत्रकारों और अन्य पर कथित तौर पर नजर रखने की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) के गठन का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
नई दिल्ली, एजेंसी। एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने पेगासस जासूसी साफ्टवेयर के जरिये सरकार द्वारा पत्रकारों और अन्य पर कथित तौर पर नजर रखने की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) के गठन का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया कि पत्रकारों का काम है कि वह जनता को सूचना देने और सरकार को जवाबदेह बनाने का काम सुनिश्चित करे।
प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखा जाना चाहिए
गिल्ड के सदस्यों और सभी पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे राज्य की कार्रवाई और निष्कि्रयता के लिए सूचना, स्पष्टीकरण और संवैधानिक रूप से वैध औचित्य की मांग करके सरकार की सभी शाखाओं को जवाबदेह ठहराएं। इसने कहा कि इस भूमिका को पूरा करने के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। याचिका में कहा गया, प्रेस की स्वतंत्रता पत्रकारों की रिपोìटग में सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा हस्तक्षेप नहीं किए जाने पर निर्भर होती है। इसमें सूत्रों के साथ सुरक्षा एवं गोपनीयता के साथ बात करने की उनकी क्षमता, सत्ता के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार की जांच, सरकारी अक्षमता को उजागर करना और सरकार के विरोध में या विपक्ष से बात करना शामिल है। गिल्ड ने तर्क दिया कि भारत के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि क्या सरकार संविधान के तहत अपने अधिकार की सीमाओं का अतिक्रमण कर रही है और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट पांच अगस्त को सुनवाई करेगा
उधर, पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट पांच अगस्त को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की बेंच में इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से अर्जी दाखिल कर स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुआई वाली बेंच के सामने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई की जरूरत है। यह नागरिकों की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। इसकी सुनवाई जल्दी होनी चाहिए। सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश के सामने बताया कि सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर विरोधी दलों के नेताओं, पत्रकारों और जजों के फोन टैप किए हैं। इसका असर ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी हुआ है। इसपर चीफ जस्टिस रमण ने आगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही थी।