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मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में ईडी ने ब्रजेश ठाकुर के परिवार की संपत्तियों को कब्जे में लिया

Muzaffarpur shelter home Case प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की पत्नी के नाम से दिल्ली में स्थित 1.45 करोड़ रुपये मूल्य की इमारत को कब्जे में ले लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:18 AM (IST)
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में ईडी ने ब्रजेश ठाकुर के परिवार की संपत्तियों को कब्जे में लिया
ईडी ने ब्रजेश ठाकुर की पत्नी के नाम से दिल्ली में स्थित इमारत को कब्जे में ले लिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की पत्नी के नाम से दिल्ली में स्थित 1.45 करोड़ रुपये मूल्य की इमारत को कब्जे में ले लिया है। ठाकुर और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में एजेंसी ने एक फिक्स डिपॉजिट भी जब्त की है। ईडी ने एक बयान में कहा कि बहुमंजिली इमारत को पिछले साल ही जब्त किया गया था।

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इससे संबंधित अस्थायी आदेश को इस साल जनवरी और फरवरी में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के न्यायिक प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंजूरी दे दी। एजेंसी ने बताया कि ठाकुर की पत्नी आशा के नाम पर यह इमारत दिल्ली के पालम कॉलोनी क्षेत्र में राज नगर-1 में स्थित है। ईडी ने इसे मंगलवार को कब्जे में लिया।

इसी मामले में केंद्रीय एजेंसी ने आदर्श महिला शिल्प कला केंद्र के नाम से 2.07 लाख रुपये की फिक्स डिपॉजिट को भी जब्त कर लिया है। ईडी ने अक्टूबर, 2018 में ठाकुर, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ठाकुर के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद यह केस दर्ज किया गया था। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया था कि बालिका गृह को बहुत ही मनमाने तरीके से संचालित किया जा रहा था। वहां रहने वाली कई लड़कियों ने मारपीट और यौन उत्पीड़न की शिकायतें की थी।

ईडी ने कहा कि ठाकुर और बालिका गृह के अन्य लोगों ने वहां रहने वाली लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया। उनके साथ मारपीट भी की। बालिका गृह में वंचित और परित्यक्त लड़कियां रखी जाती थीं। लड़कियों के कल्याण और देखरेख के लिए मिले धन में से 7.57 करोड़ रुपये ठाकुर और अन्य ने निजी सुविधाओं के लिए खर्च किए। इस पैसे से चल और अचल संपत्तियां बनाई गईं। ईडी ने पटना की विशेष पीएमएलए अदालत में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था।


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