सारधा घोटाला: ED ने नलिनी चिदंबरम को फिर किया तलब
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम को फिर से समन भेजा है।
By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 06:17 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। सारधा पोंजी घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम को फिर से समन भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि नलिनी को ईडी के कोलकाता कार्यालय में 20 जून को तलब किया गया है। इससे पहले उन्हें सात मई को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
पेशे से वकील नलिनी ने अपनी अपील में जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम के 24 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम ने ईडी के समन के खिलाफ नलिनी की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश ने उन्हें सारधा चिट फंड घोटाला मामले मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे ईडी के सामने गवाह के रूप में पेश होने को कहा था।
अदालत ने उनकी इस दलील को नहीं माना कि किसी महिला को जांच के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके घर से दूर नहीं बुलाया जा सकता। अदालत ने कहा कि इस तरह की छूट अनिवार्य नहीं है। यह संबंधित मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर है।
न्यायाधीश ने ईडी को नलिनी के नाम नया समन जारी जारी करने को कहा था। इसके बाद एजेंसी ने 30 अप्रैल को समन जारी कर उन्हें सात मई को उपस्थित होने को कहा था। एजेंसी ने कहा कि वह इस मामले से उनके संबंध पर मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज करना चाहती है।
ईडी ने सबसे पहले नलिनी को सात सितंबर, 2016 को समन कर सारधा चिट फंड घोटाले में गवाह के रूप में कोलकाता कार्यालय में पेश होने को कहा था। नलिनी को कथित रूप से अदालत और कंपनी विधि बोर्ड में टीवी चैनल खरीद सौदे में सारधा समूह की ओर से उपस्थित होने के लिए 1.26 करोड़ रुपये की फीस दी गई थी। ईडी और सीबीआई उनसे इस मामले में पहले भी पूछताछ कर चुकी हैं।
पेशे से वकील नलिनी ने अपनी अपील में जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम के 24 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम ने ईडी के समन के खिलाफ नलिनी की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश ने उन्हें सारधा चिट फंड घोटाला मामले मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे ईडी के सामने गवाह के रूप में पेश होने को कहा था।
अदालत ने उनकी इस दलील को नहीं माना कि किसी महिला को जांच के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके घर से दूर नहीं बुलाया जा सकता। अदालत ने कहा कि इस तरह की छूट अनिवार्य नहीं है। यह संबंधित मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर है।
न्यायाधीश ने ईडी को नलिनी के नाम नया समन जारी जारी करने को कहा था। इसके बाद एजेंसी ने 30 अप्रैल को समन जारी कर उन्हें सात मई को उपस्थित होने को कहा था। एजेंसी ने कहा कि वह इस मामले से उनके संबंध पर मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज करना चाहती है।
ईडी ने सबसे पहले नलिनी को सात सितंबर, 2016 को समन कर सारधा चिट फंड घोटाले में गवाह के रूप में कोलकाता कार्यालय में पेश होने को कहा था। नलिनी को कथित रूप से अदालत और कंपनी विधि बोर्ड में टीवी चैनल खरीद सौदे में सारधा समूह की ओर से उपस्थित होने के लिए 1.26 करोड़ रुपये की फीस दी गई थी। ईडी और सीबीआई उनसे इस मामले में पहले भी पूछताछ कर चुकी हैं।
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