जया पटेल की 32 करोड़ की संपत्ति जब्त, ईडी ने FEMA उल्लंघन का लगाया आरोप
ईडी ने मुंबई में आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली। जिसके परिणामस्वरूप अघोषित विदेशी संपत्ति के अवैध अधिग्रहण को लेकर गुप्त दस्तावेजों को जब्त कर लिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जया पटेल की विदेश में स्थित दो प्रमुख संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है जिसकी कीमत 32.38 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा जया पटेल के खिलाफ विदेश में अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने की शिकायत भी दर्ज की गई है।
ईडी ने मुंबई में जया पटेल और उनके सहयोगियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली। जिसके परिणामस्वरूप अघोषित विदेशी संपत्ति के अवैध अधिग्रहण को लेकर गुप्त दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है।
जांच एजेंसी ने कहा कि स्वर्गीय परमानंद तुलसीदास पटेल की बेटी जया पटेल के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धारा 37 ए के तहत एक आदेश जारी किया गया है। मुंबई में पेडर रोड पर स्थित 32.38 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है।
एजेंसी ने कहा कि फेमा की जांच में पता चला है कि मुंबई की जया पटेल के पास संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में अवैध रूप संपत्ति थी। ईडी ने अपने एक बयान में कहा, "जया पटेल और उनके सहयोगी के आवासीय और कार्यालय परिसर में तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप अघोषित विदेशी संपत्तियों के अवैध अधिग्रहण के दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है।" इसमें आगे कहा गया, यह एक ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स-आधारित फर्म, आइवरी इंटरनेशनल प्रॉपर्टीज लिमिटेड से जुड़ा मामला है।
ईडी ने कहा, "जया पटेल चेल्सी तटबंध, लंदन में एक फ्लैट की मालिक हैं, जिसकी कीमत GBP 15,25,000 और सेंट्रल पार्क, न्यूयॉर्क में एक और फ्लैट है, जिसकी कीमत 25,60,000 USD है।"
एजेंसी ने आरोप लगाया कि आइवरी इंटरनेशनल प्रॉपर्टीज लिमिटेड के माध्यम से दोनों संपत्तियों का अधिग्रहण किया गया है और जांच में पाया गया कि फर्म ने ऋण प्राप्त करने के लिए अचल संपत्तियों को गिरवी रखा और जया पटेल ने ऋण आवेदन पत्र में सह-उधारकर्ता के रूप में हस्ताक्षर किए हैं।
ईडी ने बताया कि पटेल इन संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए धन के स्रोत की व्याख्या करने में विफल रही और इन विदेशी संपत्तियों को हासिल करने के लिए धनराशि को फेमा के वर्गों का उल्लंघन करके अवैध रूप से स्थानांतरित किया गया है।