Ranbaxy के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के ठिकानों पर ED का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र मोहन सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर की गई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र मोहन सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी अधिकारियों ने कहा कि मनी लांड्रिंग कानून (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने के बाद छापे मारे गए। दोनों भाइयों के खिलाफ यह कार्रवाई कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में की गई है।
गौरतलब है कि अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व रैनबैक्सी प्रमोटरों द्वारा 14 मार्च के निर्देश के जवाब में दायर किए गए जवाबों पर असंतोष व्यक्त किया था। इस दौरान कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर्स मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह से पूछा था कि वह किस तरह 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे। सिंगापुर की एक ट्रिब्यूनल ने सिंह बंधुओं के खिलाफ आदेश दिया है, जिसके मुताबिक उन्हें दायची सैंक्यों को 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।
कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि यह किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा का मामला नहीं है, बल्कि देश की प्रतिष्ठा का मामला है। आप कभी फार्मा इंडस्ट्री की पहचान थे और यह ठीक नहीं लगता कि आप कोर्ट में आएं। बेंच ने सिंह बंधुओं को 28 मार्च को अदालत में पेश होकर भुगतान योजना सौंपने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वे उम्मीद करते हैं कि कोर्ट में यह आपकी आखिरी मौजूदगी होगी।
सिंह बंधुयों के खिलाफ जापानी फर्म की अवमानना याचिका सिंगापुर ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार उनसे 4,000 करोड़ रुपये की वसूली की मांग करती है। बता दे कि दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में उसने आरोप लगाया था कि रैनबैक्सी को बेचते समय दोनों भाइयों ने यूएसएफडीए से जुड़ी जानकारी को छुपाया था। दोनों भाईयों ने 9,576 करोड़ रुपये की रैनबैक्सी में अपनी हिस्सेदारी को जापानी कंपनी दायची को बेच दी थी। इसको बाद में रैनबैक्सी को दायची ने सनफार्मा को बेच दिया था।
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