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ICICI बैंक वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर, उनके पति और धूत के खिलाफ चार्जशीट दायर

ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। ईडी ने अपने पहले आरोपपत्र में इनके अलावा सात अन्य कंपनियों को भी आरोपित बनाया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 12:26 AM (IST)
ICICI बैंक वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर, उनके पति और धूत के खिलाफ चार्जशीट दायर
आइसीआइसीआइ बैंक-वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर, उनके पति और धूत के खिलाफ चार्जशीट दायर

मुंबई, एजेंसियां। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग के तहत आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। ईडी ने अपने पहले आरोपपत्र में इनके अलावा सात अन्य कंपनियों को भी आरोपित बनाया है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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सूत्रों ने बताया कि मनी लांड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत मुंबई की एक अदालत में मंगलवार को यह आरोपपत्र दायर किया गया। इस मामले में ईडी ने दीपक कोचर को इस साल सितंबर में गिरफ्तार किया था। ईडी ने चंदा कोचर और उनके पति, धूत और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की तरफ से दर्ज एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।

चंदा कोचर पर आइसीआइसीआइ बैंक की सीईओ के तौर पर अपने पति की कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए वीडियोकॉन समूह को अवैध तरीके से 1875 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर करने का आरोप है। ईडी ने इसी मामले में इन लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस भी दायर किया है। इससे पहले, ईडी ने कहा था कि चंदा कोचर की अगुआई वाली समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया था।

इसके अगले दिन आठ सितंबर, 2009 को न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड की तरफ से 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। एनआरपीएल पहले न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) के नाम से जानी जाती थी, जो दीपक कोचर की कंपनी थी। ईडी ने कहा कि गलत तरीके से मिले इस धन से एनआरएल को 10.65 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व मिला। इसके आधार पर ईडी ने कहा है कि इस मामले में कुल 74.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। 


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