आतंकी फंडिंग पर ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
डाक्टर का कहना था कि मुबारक अली का इलाज सरकारी अस्पताल में मुफ्त चल रहा है और इस पर मुश्किल से 10 हजार रुपये का खर्च आएगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अलगाववादी नेता एसएएस गिलानी और यासीन मलिक को समन करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को फंडिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके साथ ही आतंकियों के लिए भेजे जा रहे 5,40,800 रुपये को जब्त कर लिया है।
हिजबुल मुजाहिदीन के दो ओवरग्राउंड कार्यकर्ता इनायतुल्ला वानी और मुबारक अली को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह आतंकी गुलाम नबी उर्फ जावेद कुरैशी को यह पैसे देने जा रहा था।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अधिकारियों को बरगलाने की भरसक कोशिश की। उनका कहना था कि ये पैसे मुबारक अली के मुंह के कैंसर के इलाज के लिए डाक्टर को देने जा रहे थे। लेकिन जब डाक्टर से इस बारे में पूछताछ की तो उसने लगभग साढ़े पांच लाख रुपये इलाज के लिए मांगने से साफ इनकार कर दिया।
डाक्टर का कहना था कि मुबारक अली का इलाज सरकारी अस्पताल में मुफ्त चल रहा है और इस पर मुश्किल से 10 हजार रुपये का खर्च आएगा। जांच के दौरान पता चला कि मुबारक अली और इनायतुल्ला वानी हिजबुल मुजाहिदीन का ओवरग्राउंड वर्कर है और पैसे असल में आतंकी जावेद कुरैशी को दिये जाने थे। इस पैसे का उपयोग कश्मीर के डोडा जिले में आतंकी गतिविधियों के लिए होना था।
पूरी जांच के बाद ईडी ने गिरफ्तार दोनों आतंकियों के साथ-साथ जावेद कुरैशी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरी रकम का जब्त कर लिया गया है। हाल के वर्षों में आतंकी फंडिंग को लेकर किसी एजेंसी की यह पहली चार्जशीट है।
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक और गिलानी को ईडी ने भेजा समन