EXCLUSIVE: भगोड़े चोकसी पर कसता जा रहा ED का शिकंजा, ढूंढ निकाली विदेश में छिपाई रकम
ईडी के पास मेहुल चोकसी के काले कारनामे का पूरा काला-चिट्ठा मौजूद है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर एंटीगुआ में रह रहे मेहुल चोकसी के आंसू यूं ही नहीं निकल रहे हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेश में छिपाकर रखी घोटाले की रकम ढूंढ निकाली है और उसे जब्त करने की तैयारी में है।
ईडी के अनुसार मेहुल चोकसी को अब घोटाले से बनाये गए काले धन के साम्राज्य के बिखरने का डर सताने लगा है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत ईडी को काली कमाई से बनाई गई विदेशी संपत्तियों को भी जब्त करने का अधिकार है। घोटाले का खुलासा होने के पहले ही चोकसी फरार हो गया था और एंटीगुआ की नागरिकता लेकर वहां रह रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ईडी के पास मेहुल चोकसी के काले कारनामे का पूरा काला-चिट्ठा मौजूद है। पीएनबी घोटाले की रकम को दूसरे देशों में ले जाने के लिए उसने हांगकांग में छह और यूएई में नौ मुखौटा कंपनियां बना रखी थीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक मेहुल चौकसी की आठ देशों में 3257 करोड़ रुपये की रकम का पता चला है, जो पीएनबी घोटाले से जुड़ी है। ईडी के पास इस रकम के पीएनबी के घोटाले से जुड़े होने के पुख्ता सुबूत भी हैं।
मेहुल चोकसी ने जिन देशों में घोटाले की रकम छुपा कर रखी है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, थाईलैंड, जापान, हांगकांग, ईडी और बेल्जियम शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक अमेरिका में 1541 करोड़ रुपये और उसके बाद यूएई में 1488 करोड़ रुपये की रकम है।
इसके अलावा थाईलैंड में 157 करोड़, ब्रिटेन में 36 करोड़, हांगकांग में 26 करोड़, जापान में छह करोड़, इटली में तीन करोड़ और बेल्जियम में एक करोड़ रुपये से कम की रकम है। ईडी ने इन सभी देशों को पुख्ता सुबूतों के साथ इस रकम को जब्त करने के लिए संपर्क किया है। ईडी चोकसी की भारत में स्थित सारी संपत्ति पहले ही जब्त कर चुका है और अब विदेशी संपत्तियों पर उसकी नजर है।
ईडी की जांच से साफ हो गया है कि मेहुल चोकसी का पूरा कारोबार एक तरह का गोरखधंधा था। वह विदेश स्थित अपनी कंपनियों से आयात करता था और फिर उन्हीं को निर्यात कर देता था। यही नहीं, निर्यात में भेजे गए आभूषणों को तोड़कर उनके सोने-चांदी को अलग कर लिया जाता और फिर उन्हें पिघलाकर बुलियन बना लिया जाता था। बाद में उसी सोने को भारत में आयात कर लिया जाता था।
अपनी ही कंपनी से आयात के लिए चोकसी पीएनबी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) ले लेता था। पीएनबी में बैठे अधिकारी बिना किसी जमानत के एलओयू जारी करते रहे। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस तरह से हर बार चोकसी बड़ी आयात दिखाकर बड़ा एलओयू जारी करा लेता था।
उसमें से पुराने एलओयू की रकम चुकाने के बाद बची हुई रकम को विदेश स्थित अपनी कंपनियों में ठिकाने लगा लेता था। ईडी को उम्मीद है कि विदेश में छुपाकर रखे गए घोटाले की रकम को जल्द ही जब्त कर लिया जाएगा।
मुझे बलि का बकरा बनाया गया : चोकसी
नई दिल्ली, प्रेट्र। फरार ज्वैलर मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि उस पर लगाए गए मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप एक बड़ी राजनीतिक साजिश का नतीजा हैं। इसीलिए मौजूदा सरकार पर कम से कम एक डिफाल्टर को वापस लाने का अत्यधिक दबाव है। ताकि आनेवाले चुनावों के नतीजों पर असर हो। पीएनबी घोटाले के आरोपित चोकसी ने मंगलवार को खुद को सॉफ्ट टारगेट करार देते हुए कहा कि सरकारी बैंक की गलती के लिए उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
उसने आरोप लगाया कि असली समस्या रिजर्व बैंक के रिपोर्टिग मैकेनिज्म में कोई मेल न होने से है। चोकसी ने कहा कि यह उसके खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक साजिश है। चूंकि यह मामला राजनीतिक हो गया है। इसलिए मैं एक सॉफ्ट टारगेट हूं। उसने कहा कि उसकी कंपनियां बैंकों से वर्ष 1995 से जुड़ी हुई हैं और कभी कोई समस्या नहीं आई है। उसने कहा कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक की पूरी गलती है। लेकिन वह राष्ट्रीय संपदा है इसलिए उसे बलि का बकरा बनाया गया है।