ईडी ने मुंबई में जब्त किए 462 करोड़ के 33 फ्लैट
पिरामिड डेवलपर्स पर झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप है।
मुंबई, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के बांद्रा इलाके में 462 करोड़ रुपये मूल्य के 33 फ्लैटों को जब्त कर लिया है। उसने मनी लांड्रिंग केस में मेसर्स पिरामिड डेवलपर्स के खिलाफ यह कार्रवाई की है। पिरामिड डेवलपर्स पर झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप है।
ईडी की ओर से शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। बताया गया कि पिरामिड डेवलपर्स ने फर्जी कागजातों का इस्तेमाल करते हुए झोपडपट्टी पुनर्वास योजना के तहत अतिरिक्त एफएसआइ (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) हासिल किया है। इस सिलसिले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले वर्ष मार्च में पिरामिड डेवलपर्स के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनीलांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया। अपनी जांच के दौरान उसने कंपनी और कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी के कई ठिकानों पर छापा मारा।
पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने के लिए ईडी ने 2014 में दर्ज मुंबई पुलिस के एक एफआइआर का संज्ञान लिया। जांच एजेंसी के अनुसार, 'एफआइआर में कहा गया है कि आरोपियों ने फर्जी राशन कार्ड, दुकान एवं प्रतिष्ठानों के फर्जी लाइसेंस तैयार कराया। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांद्रा पश्चिम में जमात-ए-जम्हूरिया सीएचएस लिमिटेड की पुनर्विकास योजना को झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण से मंजूरी दिलाने की कोशिश की गई। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अतिरिक्त एफएसआइ की हासिल की गई। ईडी के अनुसार, उक्त पुनर्विकास योजना के लिए पिरामिड डेवलपर्स को बिल्डर और मेसर्स नियो मार्डन को आर्किटेक्ट नियुक्त किया गया था। जांच के दौरान ईडी ने बिल्डिंग निर्माण में व्यापक धांधली पकड़ी। एफएसआइ को 1.5 से बढ़ाकर 1.875 करने को नियमों का उल्लंघन बताया। जिस दौरान यह गड़बड़ी हुई, उस समय बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथारिटी के अध्यक्ष थे।
क्या है एफएसआइ
एफएसआइ का मतलब फ्लोर स्पेस इंडेक्स है। यह जमीन के आकार में कुल निर्मित क्षेत्र का अनुपात है। उदाहरण के लिए यदि कुल भूखंड का क्षेत्रफल 1000 वर्ग फुट हैं और अगर वहां 2 की एफएसआइ मिलती है, तो कुल 1000 गुणे 2 बराबर 2000 वर्गफुट में निर्माण कार्य किया जा सकता है।