ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में गुजराती कंपनी की 34 करोड़ की संपत्तियों को किया अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत गुजरात की एक कंपनी की 34 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत गुजरात की एक कंपनी की 34 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है। ईडी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि बायोटोर इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक राजेश एम कपाडि़या तथा अन्य के खिलाफ जांच की जा रही है। इनके खिलाफ गुजरात पुलिस और सीबीआइ की भी जांच जारी है। उसने कहा कि जांच में आरोपितों के द्वारा 2007 से 2009 के दौरान फर्जी बिलों और रसीदों के जरिये करीब 250 करोड़ रुपये का हेरफेर करने का पता चला है।
फर्जीवाड़े के जरिए कंपनी के खातों में जमा किया रुपये
ईडी ने कहा कि केजीएन ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक आरिफ इस्माइलभाई मेमन ने राजेश कपाडि़या एवं अन्य के साथ साठगांठ कर हेराफेरी में बड़ी भूमिका निभाई। उसने कहा कि मेमन ने फर्जीवाड़े के जरिये करीब 62 करोड़ रुपये केजीएन ग्रुप ऑफ कंपनीज के खातों में जमा किया।
आवासीय संपत्ति को अटैच किया
ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत केजीएन एंटरप्राइजेज लिमिटेड और सैलानी एग्रोटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड की गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित जमीन, संयंत्र व मशीनें तथा अहमदाबाद में स्थित मेमन की आवासीय संपत्ति को अटैच किया। अटैच संपत्तियों का कुल मूल्य 34.47 करोड़ रुपये है। ईडी इस मामले में पहले भी 149 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर आरोपपत्र दाखिल कर चुका है।