मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को दिया आश्वासन, चंदा कोचर के खिलाफ नहीं करेगा ठोस कार्रवाई
न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन समूह के लोन मामले में पंजीकृत ईसीआईआर के अनुसरण में एजेंसी कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करेगा। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन समूह के लोन मामले में पंजीकृत ईसीआईआर के अनुसरण में एजेंसी कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी।
पीठ ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय को भी शामिल किया और कहा कि यह बाद में चंदा कोचर द्वारा दायर दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। जो मामले में उसके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को चुनौती देगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में चार्जशीट दायर की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंदा कोचर, वेणुगोपाल धूत और अन्य ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा था कि चार्जशीट या अभियोजन की शिकायत मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दायर की गई है।
सितंबर में चंदा के पति दीपक कोचर को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आपराधिक मामले को दर्ज करने के बाद सितंबर में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
इसने कोचर और उनके व्यापारिक संस्थानों पर 'वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनियों को 1,875 करोड़ रुपये के लोन की अवैध मंजूरी' के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को नकारा है।
यह है पूरा मामला
चंदा कोटर पर ICICI बैंक की सीईओ के तौर पर अपने पति की कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है। चंदा कोचर ने वीडियोकॉन समूह को अवैध तरीके से 1875 रुपये का कर्ज मंजूर किया था। प्रवर्तन निदेशालय इसी मामले पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया हुआ है।