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पर्यावरणविदों ने लगाई पीएम मोदी से गुहार, घातक स्मॉग की चादर में सांस लेने को मजबूर

मौजूदा हालत पर चिंचा व्यक्त करते हुए पर्यावरणविदों ने कहा की लोग घातक स्मॉग की चादर में सांस लेने को मजबूर हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:23 PM (IST)
पर्यावरणविदों ने लगाई पीएम मोदी से गुहार, घातक स्मॉग की चादर में सांस लेने को मजबूर
पर्यावरणविदों ने लगाई पीएम मोदी से गुहार, घातक स्मॉग की चादर में सांस लेने को मजबूर

नई दिल्ली, पीटीअइ। देश भर में बद से बदतर हो रही वायु गुणवत्ता को लेकर पर्यावरणविदों ने गहरी चिंता जताई है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्होंने देश में प्रदूषण की समस्या पर त्वरित कार्रवाई करने की गुहार लगाई। विशेष रूप से दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता तीन साल में सबसे खराब है।

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पत्र में कहा गया है कि हम भारत के लोग, आपसे अनुरोध करते हैं कि कृप्या वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को हल करने के लिए देश का नेतृत्व करें। दिल्ली की मौजूदा हालत पर चिंचा व्यक्त करते हुए पर्यावरणविदों ने कहा की दिल्ली के लोग घातक स्मॉग की चादर में सांस लेने को मजबूर हैं, जिसका स्वास्थ्य पर खतरनाक असर पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टरों ने बताया है कि हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में हैं। प्रतिक्रियात्मक उपायों के लिए कोई समय नहीं है। हम आपने बच्चों और बुजुर्गों को बचाने के लिए आपसे अनुरोध कर रहे हैं, जो प्रदूषण के सबसे बुरे प्रभावों को सामना कर रहे हैं।

पर्यावरणविदों के समूह में केयर फॉर एयर की ज्योति पांडे, माय राइट टू ब्रीथ की रवीना राज कोहली, यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन के अतुल गोयल और क्लीन एयर कलेक्टिव के ब्रिकेश सिंह शामिल हैं। उन्होंने कहा कि समस्या को ठीक करने के बजाय सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं, जबकि देश के लोग जहरीली हवा के कारण मर रहे हैं।

पर्यावरणविदों ने कहा, "हम जो सांस ले रहे हैं वह हमे और हमारे प्रियजनों को तेजी से मार रहा है, फिर भी हम इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर रविवार सुबह फिर से बढ़ गया। जिसमें हवा की गुणवत्ता कई स्थानों पर खतरनाक श्रेणी की दर्ज की गई। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 4 बजे 494 था, जो 6 नवंबर, 2016 के बाद सबसे ज्यादा है।


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