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दमघोंटू हवा के चलते सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में निर्माण कार्यो पर फिर लगाई रोक, श्रमिकों को गुजारा भत्ता देने के निर्देश

पीठ ने कहा हम निर्देश देते हैं कि ग्रेडेड रेस्पांस प्लान के तहत कार्रवाई शुरू करने से पहले वायु गुणवत्ता के और खराब होने का इंतजार करने के बजाय वायु गुणवत्ता खराब होने की आशंका के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए जाएं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:01 PM (IST)
दमघोंटू हवा के चलते सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में निर्माण कार्यो पर फिर लगाई रोक, श्रमिकों को गुजारा भत्ता देने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिया हवा की गुणवत्ता का वैज्ञानिक अध्ययन करने का निर्देश

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने फिर से दमघोंटू होती हवा के मद्देनजर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने राज्यों को निर्देश दिया कि निर्माण गतिविधियों पर रोक रहने की अवधि के दौरान वे श्रमिकों को श्रम उपकर (लेबर सेस) के तौर पर एकत्रित धनराशि में से गुजारा भत्ता दें। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की विशेष पीठ का अंतरिम आदेश बुधवार रात को अपलोड किया गया। इसमें पीठ ने एनसीआर और इर्दगिर्द के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फार एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन द एनसीआर एंड एडज्वाइनिंग एरियाज) को निर्देश दिया कि वह वायु प्रदूषण के रिकार्ड किए गए स्तरों पर पिछले वर्षों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर वायु गुणवत्ता का एक वैज्ञानिक अध्ययन करें।

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पीठ ने कहा, 'हम निर्देश देते हैं कि ग्रेडेड रेस्पांस प्लान के तहत कार्रवाई शुरू करने से पहले वायु गुणवत्ता के और खराब होने का इंतजार करने के बजाय वायु गुणवत्ता खराब होने की आशंका के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए यह आवश्यक है कि आयोग मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों और गणितीय प्रतिमानों का ज्ञान रखने वाली विशेषज्ञ समितियों की सेवाएं ले।'

निर्माण से संबंधित कुछ गतिविधियां रह सकती हैं जारी

प्रदूषण संबंधी आयोग और एनसीआर राज्यों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान) से प्रदूषण में वृद्धि को रोकने के उपायों को जारी रखने का निर्देश देते हुए पीठ ने निर्माण गतिविधियों को 22 नवंबर से शुरू करने की इजाजत देने संबंधी फैसले को पलट दिया। अदालत ने आदेश में कहा, 'इस बीच अंतरिम उपाय के तौर पर और अगले आदेश तक हम एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर पुन: रोक लगाते हैं, हालांकि इस दौरान निर्माण से संबंधित बिना प्रदूषण वाली गतिविधियां मसलन नल लगाने के काम, पाइपलाइन का कार्य, आंतरिक सज्जा, बिजली के काम, बढ़ई के काम जारी रह सकते हैं।'

पीठ ने कहा, 'निर्माण गतिविधियों पर रोक की अवधि के दौरान राज्य निर्माण क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए एकत्रित किए गए श्रम उपकर का इस्तेमाल उन्हें गुजरा भत्ता देने के लिए और संबंधित श्रेणी के कामगारों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत अधिसूचित वेतन देने के लिए करे।' शीर्ष न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 29 नवंबर तय करते हुए इस बीच केंद्र सरकार, दिल्ली-एनसीआर के राज्यों और आयोग को हालात से निपटने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।


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