दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के चलते अवैध इमारतों को गिराना मुश्किल
1992 में स्थानीय निकाय ने चार हजार इमारतों की सूची बनाई थी, जो या तो अनधिकृत तौर पर बनाए गए थे या पुरानी इमारतों पर अवैध निर्माण कर लिया गया था।
मुंबई, संजीव शिवाडेकर (मिड-डे), शहर में रियल एस्टेट कारोबार पर जिस तरह से डी-कंपनी ने कब्जा जमा रखा है, उसे देखते हुए भविष्य में भी पुरानी इमारत गिरने जैसी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। खासतौर से दक्षिण मुंबई की तंग गलियों में अवैध इमारतों को गिराने या किसी अन्य कार्रवाई के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।
1992 में स्थानीय निकाय ने चार हजार इमारतों की सूची बनाई थी, जो या तो अनधिकृत तौर पर बनाए गए थे या पुरानी इमारतों पर अवैध निर्माण कर लिया गया था। लेकिन, अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के चलते उनमें से मुश्किल से 29 इमारतों को गिराया जा सका। अन्य इमारतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी और उनके मालिक साफ बच निकले। अपने समय में कई अवैध निर्माण गिरा चुके जीआर खैरनार का कहना है कि दाऊद और उसके करीबियों की शह पर अवैध इमारतें कुकुरमुत्तों की तरह उग आई हैं।
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार मुहल्ले की पाकमोडिया स्ट्रीट स्थित पांच मंजिला हुसैनी इमारत सुबह 8.30 बजे अचानक ढह गई। इसमें ऊपर की मंजिलों पर नौ परिवार रहते थे और भूतल पर कुछ दुकानें थीं। 2011 में ही इसे अत्यंत जर्जर बताकर खाली करने का नोटिस दिया जा चुका था। इसके बावजूद कई परिवार इसमें रह रहे थे और कुछ लोग भूतल पर व्यवसाय भी कर रहे थे। इस हादसे में अब तक 22 लोगों की मौत हो गई है।
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