'गगनयान' मिशन पर कोरोना की मार, लांच में हो सकती है देरी; चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर भी असमंजस
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की अगले साल दिसंबर में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान को अंतरिक्ष में छोड़ने की योजना है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' पर भी कोरोना की मार पड़ती नजर आ रही है। इस मिशन के पहले चरण में इस साल दिसंबर में मानवरहित यान लांच किया जाना है, लेकिन अब इसमें देरी की संभावना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की अगले साल दिसंबर में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' को अंतरिक्ष में छोड़ने की योजना है। इसके तहत पहले दो मानवरहित यान लांच किए जाने हैं। इन्हीं में से पहले यान को दिसंबर में प्रक्षेपित करने की योजना है। लेकिन अब इसमें देरी की संभावना है, जिसके बारे में स्पेस कमीशन को जानकारी दे दी गई है, जो अंतरिक्ष संबंधी सर्वोच्च नीति नियामक संस्था है। इसके अध्यक्ष इसरो के चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन हैं।
पीएम मोदी ने दो साल पहले गगनयान मिशन की घोषणा की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में 'गगनयान' मिशन की घोषणा की थी। गगनयान मिशन का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर 2022 तक तीन सदस्यीय दल को पांच से सात दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजना है।
सूत्रों ने बताया कि मानव अंतरिक्ष मिशन को निर्धारित समय पर लांच करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए रूस में चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। कोरोना के चलते इनके प्रशिक्षण भी रुक गया था, जो अब शुरू हो गया है।
कोरोना के चलते तैयारियों पर पड़ा बुरा असर
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से ही इसरो ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। इसरो ने पहले ही इस मिशन में देरी के संकेत दिए थे। इसरो ने कहा था कि कोरोना वायरस के चलते उसके कामकाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना का असर चंद्रयान-3 पर भी पड़ा है, जिसे इस साल के आखिर में चंद्रमा के लिए छोड़ा जाना था।