डीयू के प्रोफेसर बोले, इस्लामी कानून के मुताबिक सही नहीं है आतंकवाद
इंदौर में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सैयद फजल उल्लाह चिश्ती ने कहा कि लोग एक-दूसरे के धर्म को समझते नहीं हैं और उनके खिलाफ हो जाते हैं।
इंदौर, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के इंदौर में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सैयद फजल उल्लाह चिश्ती ने कहा कि लोग एक-दूसरे के धर्म को समझते नहीं हैं और उनके खिलाफ हो जाते हैं। आजकल बच्चे इस्लाम को गूगल और व्हाट्सएप से जान रहे हैं।
इस्लाम में दूसरे मजहबों के लिए कितनी जगह है, लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है। आतंकवाद इस्लामी कानून के हिसाब से भी सही नहीं है। और जिहाद के नाम पर जो लोग खून-खराबा कर रहे हैं, वो भी गलत है।
चिश्ती 'इस्लाम, शांति और अनेकतावाद' विषय पर आयोजित व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर धर्म में ऐसे लोग भी हैं जो 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना के साथ रहना चाहते हैं। कुरान तमाम इंसानों की भलाई के लिए है क्योंकि कुरान में 300 से ज्यादा बार इंसानों को लेकर संबोधित किया गया है। मुसलमानों को लेकर 17 बार जिक्र है।
सभी धर्मो के लोग एक-दूसरे के बारे में जानें, ताकि दूरियों और गलतफहमियों को खत्म किया जा सके। जबरन किसी पर कुछ मत थोपो। ये धर्म नहीं है। आप अपने धर्म पर रहिये और दूसरे धर्म को जानने की कोशिश कीजिये।