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डीएसपी हत्याकांड: राजा भैया की बढ़ रहीं मुश्किलें

प्रतापगढ़ के बलीपुर में सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या के षड्यंत्र के आरोपी पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से सीबीआइ ने भले ही अभी तक कोई पूछताछ न की हो लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। सीबीआइ उनके करीबियों पर निगाह टिकाये है और उनसे पूछताछ कर रही है। पिछ

By Edited By: Published: Mon, 18 Mar 2013 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2013 09:20 AM (IST)
डीएसपी हत्याकांड: राजा भैया की बढ़ रहीं मुश्किलें

लखनऊ, जागरण ब्यूरो। प्रतापगढ़ के बलीपुर में सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या के षड्यंत्र के आरोपी पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से सीबीआइ ने भले ही अभी तक कोई पूछताछ न की हो लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। सीबीआइ उनके करीबियों पर निगाह टिकाये है और उनसे पूछताछ कर रही है।

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पिछले कई दिनों से राजा भैया बेंती दरबार में अपने समर्थकों से मिलते रहे हैं, लेकिन सीबीआइ ने उनकी नोटिस नहीं ली। पर उनके समर्थकों को तलब कर पूछताछ करती रही। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने राजा के कुछ खास लोगों से गोपनीय तौर पर पूछताछ की तो कुछ को खुलेआम बुलाया गया। समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष छविनाथ यादव को सीबीआइ ने तलब किया तो यह संदेश भी गया कि अब उसकी पूछताछ से कोई नहीं बचेगा। छविनाथ के भाई गुलशन यादव कुंडा नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं और राजा भैया के करीबी हैं। सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने गुलशन को अपने पति की हत्या का आरोपी बनाया है। सीबीआइ ने गुलशन को अपनी हिट लिस्ट में रखा है और उनके खिलाफ कई महत्वपूर्ण सूचनाएं भी सीबीआइ को ग्रामीणों से ही पूछताछ में मिली हैं। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ राजा के करीबियों के जरिए उनकी घेरेबंदी कर रही है और इस घेरेबंदी में सिर्फ सीओ की हत्या का ही मामला नहीं है। सीबीआइ ग्राम प्रधान नन्हें यादव की हत्या के विभिन्न पहलुओं की बारीक पड़ताल में जुटी है। सूत्रों का कहना है कि योजना बनाकर सिर्फ नन्हें यादव की हत्या की गयी, जबकि बाकी हत्याएं प्रतिक्रिया स्वरूप थी, इसलिए नन्हें की हत्या का राजफाश कर वह सूत्रधारों तक पहुंचना चाहती है। सीबीआइ के समक्ष नन्हें यादव की हत्या के मुख्य आरोपी कामता पाल और उनके बेटों ने भी समर्पण कर दिया है। इनसे सीबीआइ को बहुत से सुराग मिले हैं। सीबीआइ को हथिगवां के तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसीलिए सीबीआइ मनोज शुक्ला का भी नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है।

सीबीआइ को सीओ की मोबाइल और उनको लगी गोली अभी तक नहीं मिली है। इसकी तलाश में सोमवार को भी व्यापक छानबीन और पूछताछ की गयी। सीओ की हत्या को लेकर सीबीआइ अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन बर्बर पिटाई की बात ग्राम प्रधान के बेटे और भाई ने कबूल की है। अंदेशा तो यह भी है कि सीओ को गोली भी प्रधान खेमे की ओर से की गयी फायरिंग में लगी है। मोबाइल मिलने के बाद राजफाश होने की उम्मीद है।

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