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सावधान! डीएसएलआर कैमरों में भी हो सकता है मॉलवेयर अटैक, बरतें ये सावधानियां...

DSLR cameras vulnerable to malware attacks हैकर्स की नजर आपके कैमरों पर भी है। सुरक्षा शोधककर्ता ने चेतावनी दी है कि डीएसएलआर कैमरों पर भी वायरस हमले हो सकते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 09:12 AM (IST)
सावधान! डीएसएलआर कैमरों में भी हो सकता है मॉलवेयर अटैक, बरतें ये सावधानियां...
सावधान! डीएसएलआर कैमरों में भी हो सकता है मॉलवेयर अटैक, बरतें ये सावधानियां...

नई दिल्ली, आएएनएस। कंप्यूटर और स्मार्टफोन के बाद अब हैकर्स की नजर आपके कैमरों पर भी है। सुरक्षा शोधककर्ता ने चेतावनी दी है कि डीएसएलआर कैमरों पर भी रैनसमवेयर या मॉलवेयर (एक तरह का वायरस) हमले हो सकते हैं। साइबर सुरक्षा कंपनी चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आधुनिक कैमरे यूएसबी और वाई फाई से जुड़े होते हैं, ऐसे में हैकर्स उनके डेटा पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।

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तस्वीरें डाउनलोड कर सकते हैं हैकर 
कंपनी के सुरक्षा शोधकर्ता इयाल इटकिन ने बताया कि कोई भी स्मार्ट डिवाइस, जिसमें डीएसएलआर कैमरे भी शामिल हैं, हैकरों के हमले के लिए संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि कैमरे अब केवल यूएसबी से ही नहीं, बल्कि वाईफाई नेटवर्क से भी कनेक्ट हो रहे हैं। जिसके कारण यह अब हैकरों की जद में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कैमरे पर वायरस से हमला किया जाता है तो उसकी तस्वीरों को हैकर डाउनलोड कर बदले में फिरौती की मांग सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि आधुनिक कैमरों में तस्वीरें फिल्म पर नहीं उतारी जाती है।

मानक प्रोटोकॉल बनाया
इसलिए अंतरराष्ट्रीय इमेजिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने एक मानक प्रोटोकॉल बनाया है, जिसे पिक्चर ट्रांसफर प्रोटोकॉल (पीटीपी) नाम दिया गया है, इसी के माध्यम से कैमरे से तस्वीरें पीसी पर ट्रांसफर की जाती है। लेकिन अब हो सकता है कि तस्वीरें ट्रांसफर करने के दौरान ही हैकर आपकी तस्वीरें चोरी कर लें। शोधकर्ताओं का कहना है कि कैमरों को हैकरों की पहुंच से बचाने के लिए उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे कैमरे को अपडेट करते रहें। इसके अलावा जब इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा रहा हो तो कैमरे को बंद कर दें।

चार्जिग केबल से भी चोरी हो सकता है डाटा
एक रिपोर्ट में एमजी नाम के हैकर के हवाले से दावा किया गया है कि चार्जिंग केबल के जरिये भी यूजर का डाटा चोरी किया जा सकता है। ऐसे में बिना सोचे-समझे किसी की भी चार्जिग केबल इस्तेमाल करना घातक हो सकता है। एमजी ने ही एपल के यूएसबी पोर्ट में लगने वाली चार्जिग केबल का नमूना तैयार किया है। ओ.एमजी नामक यह नकली केबल बाहर से किसी अन्य चार्जिग केबल की तरह ही दिखती है। लेकिन इस केबल के जरिये हैकर किसी भी डिवाइस में वायरस आदि ट्रांसमिट कर सकते हैं। इसके लिए उस डिवाइस का वाई-फाई नेटवर्क क्षेत्र में होना जरूरी है। 

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