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डीसीजीआई ने देश की पहली एमआरएनए तकनीक आधारित वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंजूरी दी, जानें कैसे करेगी काम

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई (Drug Controller General of India) ने देश की पहली स्वदेशी एमआरएनए (mRNA) तकनीक पर आधारित कोविड वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 09:28 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:49 PM (IST)
डीसीजीआई ने देश की पहली एमआरएनए तकनीक आधारित वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंजूरी दी, जानें कैसे करेगी काम
डीसीजीआई ने देश की पहली स्वदेशी mRNA तकनीक पर आधारित कोविड वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। देश की पहली स्वदेशी एमआरएनए (mRNA) तकनीक पर आधारित कोविड वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई (Drug Controller General of India) ने पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। एचजीसीओ-19 (HGCO19) वैक्सीन को पुणे की जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स (Gennova Biopharmaceuticals) बना रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एचजीसीओ-19 (HGCO19) भारत में एमआरएनए तकनीक वाली पहली कोविड वैक्सीन है।  

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समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Science and Technology Ministry) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के आईएनडी-सीईपीआई मिशन (Ind-CEPI mission) के तहत अनुदान मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की यह वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए पारंपरिक मॉडल का इस्‍तेमाल नहीं करती है। एमआरएनए आधारित तकनीक से विकसित वैक्सीन के जरिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए मानव कोशिकाओं को जेनेटिक निर्देश मिलता है ताकि वे वायरस से लड़ने के लिए प्रोटीन विकसित कर सकें। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि एमआरएनए (mRNA) तकनीक पर आधारित से बनी वैक्सीन शरीर की कोशिकाओं में ऐसे प्रोटीन बनाती है जो वायरस के प्रोटीन की नकल कर सके। वैज्ञानिकों की मानें तो इससे संक्रमण होने की दशा में शारीर में प्रतिरक्षा तंत्र सक्रिय हो जाता है। इससे वायरस को नष्ट करने में मदद मिलती है। रिपोर्ट की मानें तो  एमआरएनए (mRNA) तकनीक के जरिए बनी वैक्‍सीन असल में महामारी से लड़ने की दिशा में एक आदर्श वैज्ञानिक विकल्प है। इससे तेजी से महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलती है। 

इतना ही नहीं एमआरएनए (mRNA) तकनीक पर आधारित वैक्सीन को इंसान के लिए बेहद सुरक्षित भी माना जाता है। इन सब खसियतों के अलावा एमआरएनए आधारित वैक्सीन पूरी तरह से सिंथेटिक हैं। इस वैक्सीन को जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स (Gennova Biopharmaceuticals) अमेरिकी कंपनी एचडीटी बायोटेक कॉर्पोरेशन (HDT Biotech Corporation) के साथ मिलकर बना रही है। सबसे बड़ी बात यह कि एचजीसीओ-19 (HGCO19) वैक्‍सीन ने जानवरों में सुरक्षा, प्रतिरक्षा, तटस्थता एंटीबॉडी गतिविधि का जोरदार प्रदर्शन किया है। इस वैक्‍सीन को लेकर काफी उम्‍मीदें हैं। 


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