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गोवा में नौसेना प्रतिष्ठानों के आसपास ड्रोन को नहीं उड़ने दिया जाएगा, 'नो फ्लाई जोन' घोषित हुआ तीन किलोमीटर का क्षेत्र

भारतीय नौसेना ने आगे बताया कि यदि कोई भी ऑपरेटर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो वह कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत जवाबदेह होगा। बताया गया कि अज्ञात वाहनों को जब्त करने या नष्ट करने का अधिकार सुरक्षित है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 02:43 PM (IST)
गोवा में नौसेना प्रतिष्ठानों के आसपास ड्रोन को नहीं उड़ने दिया जाएगा, 'नो फ्लाई जोन' घोषित हुआ तीन किलोमीटर का क्षेत्र
नौसेना प्रतिष्ठानों के आसपास 'नो फ्लाई जोन' घोषित होगा तीन किलोमीटर का क्षेत्र

पणजी, एएनआइ। भारतीय नौसेना गोवा में नौसैनिक प्रतिष्ठानों की जमीन से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में ड्रोन को निष्क्रिय कर देगी क्योंकि इसे 'नो फ्लाई ज़ोन' के रूप में नामित किया गया है। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'गोवा में नौसेना प्रतिष्ठानों की जमीन से तीन किलोमीटर के क्षेत्र को 'नो फ्लाई जोन' के रूप में नामित किया गया है। सभी व्यक्तियों और नागरिक एजेंसियों को किसी भी कारण से इन क्षेत्रों के भीतर किसी भी हवाई ड्रोन को उड़ाने की मनाही है।'

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भारतीय नौसेना ने आगे बताया कि यदि कोई भी ऑपरेटर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो वह कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत जवाबदेह होगा। भारतीय नौसेना के पास बिना किसी पूर्वानुमति के निषिद्ध क्षेत्र में उड़ने वाले किसी भी हवाई ड्रोन या अज्ञात वाहनों को जब्त करने या नष्ट करने का अधिकार सुरक्षित है।

उन्होंने आगे कहा, 'भारतीय नौसेना के पास बिना पूर्व अनुमति के इन क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले किसी भी हवाई ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) को जब्त करने या नष्ट करने का अधिकार सुरक्षित है। इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों पर कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।'

आगे जानकारी दी गई कि ड्रोन का उपयोग गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देशों द्वारा शासित होता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) से अनुमोदन डिजी स्काई वेबसाइट (www.dgca.nic.in) के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए और अनुमोदन पत्र की एक प्रति मुख्यालय गोवा नौसेना क्षेत्र या संबंधित नौसेना स्टेशन को जमा की जानी चाहिए, वो भी निर्धारित उड़ान संचालन से कम से कम एक सप्ताह पहले।


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