भोपाल की बस्तियों में पहले ड्रोन से होती है रैकी फिर मेडिकल टीम की कराई जाती है एंट्री
भोपाल की कई बस्तियां बेहद संवेदनशील है यहां किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को जाने में खतरा है। इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ड्रोन का सहारा ले रही है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और सूबे का इंदौर शहर कोरोना संक्रमण की चपेट में है। भोपाल की बस्तियों में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद अब प्रशासन पहले से और ज्यादा सतर्क हो गया है। इन बस्तियों में जाने वाली मेडिकल टीम पर किसी तरह का हमला न हो जाए, इसके लिए प्रशासन की ओर से ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। बस्तियों में ड्रोन द्वारा रैकी करने के बाद ही मध्य प्रदेश पुलिस मेडिकल टीम को संबंधित बस्ती में जाने देती है। वहीं, ड्रोन से मिले फुटेज के आधार पर लॉकडाउन तोड़ने वालों पर कई धाराओं पर केस दर्ज किए गए हैं।
ड्रोन से गलियों की आवाजाही का चल जाता है पता
भोपाल की कई बस्तियां बेहद संवेदनशील है, यहां किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को जाने में खतरा है। इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ड्रोन का सहारा ले रही है। एएसपी जोन-4 दिनेश कौशल ने बताया कि उनके क्षेत्र में कई बस्तियां सघन होने के साथ ही संवेदनशील भी हैं। संक्रमित लोगों के मिलने के बाद कुछ स्थानों पर कंटेनमेंट क्षेत्र भी बनाए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों की निगरानी के लिए वह ड्रोन का सहारा लेते हैं। ड्रोन से मिले फुटेज से इस बात का पता चल जाता है कि छतों पर पत्थर आदि जमा करके तो नहीं रखे गए हैं। इसके अलावा बस्तियों की तंग गलियों में लोगों की आवाजाही की भी जानकारी मिल जाती है। ड्रोन से मिला फुटेज देखने के बाद ही स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को उस एरिया एंट्री कराई जाती है।
गली में घूम रहे लोगों के चेहरे ड्रोन कैमरे की फुटेज में दिखाई देते हैं साफ
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बस्तियों के ऊपर घूमने वाला ड्रोन कैसे काम करता है। पुलिस अधिकारी के अनुसार ड्रोन जिस इलाके की रिकॉर्डिग करता रहता है। इस कैमरे से मकान की छत पर रखे सामान, गली में घूम रहे लोगों के चेहरे स्पष्ट दिख जाते हैं। इसके बाद जानकारी हासिल कर मौके पर मौजूद पुलिस संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करती है।