मूूंगफली, भुट्टा या खाना खाने के बाद बिल्कुल न पिएं पानी, हो सकता है नुकसानदेह
भोजन के बीच में पानी पीने से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। भोजन के बाद एक कप गर्म पानी पीने से आपकी पाचन शक्ति ठीक रहती है और खाने को पचने में मदद मिलती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। यूं तो पानी पीना एक अच्छी आदत है। किसी भी रोग को दूर भगाने के लिए पानी एक रामबाण इलाज है। लेकिन क्या आपको पता है खाना खाते समय पानी पीना कितना हानिकारक है आपके स्वास्थ के लिए? इसका सीधा असर आपकी पाचन शक्ति पर होता है। अगर आपकी जीवनशैली भी सोच से चल रही है तो सतर्क हो जाइए क्योंकि जरूरत से ज्यादा पानी पीने की वजह से न सिर्फ आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है बल्कि ये आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। कभी भी खाना खाने के आधे घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इंसान की किडनी एक घंटे में एक लीटर पानी को प्रोसेस करने में ही सक्षम है। इससे ज्यादा पानी पीने पर शरीर में सोडियम की मात्रा गिरने लगती है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। आईए जाने क्यों नुकसानदेह है खाने के बीच में पानी पीना।
क्यों न पिएं भोजन के दौरान पानी
भोजन के समय पानी पीने से यह पेट की सतह द्वारा सोख लिया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि पेट में पाचन के लिए जरूरी द्रव्य इतने अधिक गाढ़े न हो जाएं कि वे भोजन को पचा सकें। लेकिन खूब सारे पानी पीने के कारण यह द्रव्य पेट में मौजूद भोजन से भी अधिक गाढ़ा हो चुका होता है, ऐसे में भोजन पचाने के लिए पेट में गैस्ट्रिक जूस बनना शुरु हो जाता है। परिणामस्वरूप भोजन नहीं पचता और सीने में जलन होती है।
मूंगफली खाते ही न पिएं पानी
दरअसल मूंगफली ड्राय होती है और वो बॉडी में जाकर बॉडी का पानी सुखा लेती है जिससे हमें प्यास लगने लगती है। मूंगफली में तेल होता है, और जब इसे खाने के बाद हम पानी पीते हैं तो ये तेल और पानी मिलकर फैट बनाते हैं , जो गले में जम जाता है। इससे गले में कफ बन जाता है।
भुट्टा खाने के बाद भूलकर भी तुरंत ना पिएं पानी
यूं तो भुट्टा हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन आपकी भूल आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। जी हां अगर आपने इसके बाद तुंरत पानी पिएं तो समझों आपको एसिडिटी या फिर पेट दर्द होने से कोई नहीं रोक सकता है। इसके अलावा इसे खाने के बाद तुरंत पानी पीने से आपको पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल भुट्टे में भरपूर मात्रा में स्टार्च और कॉम्प्लेक्स कार्ब पाया जाता है। जब इन दोनों के साथ पानी मिलता है तो पेट में गैस रूकने लगती है। जिससे पेट में दर्द, एसीडिटी और भी कई गंभीर समस्याएं होने लगती है।
ऐसे जानें शरीर में पानी का स्तर
इनटॉक्सिकेशन कंडीशन में सिर दर्द, भ्रम और अनिद्रा जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं लेकिन दवाब बढ़ने पर दिमाग को नुकसान (ब्रेन डैमेज), कोमा और मौत भी हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक पेशाब का रंग देखकर शरीर में पानी की मात्रा (हाइड्रेशन) का पता किया जा सकता है।
अत्यधिक पानी पीने के परिणाम
एक स्वस्थ व्यस्क इंसान को एक दिन में तीन से चार लीटर पानी की जरूरत होती है जिसकी पूर्ति पानी के अलावा अन्य खाद्य व पेय पदार्थों से भी होती है। वहीं किडनी की क्षमता एक घंटे में 800 से 1000 मिली लीटर पानी को प्रोसेस करने की होती है। नतीजतन अतिरिक्त पानी शरीर की कोशिकाओं में जमा होने लगता है और ये कोशिकाएं सूजने लगती हैं। इस स्थिति को इनटॉक्सिकेशन कहा जाता है। इसमें रक्त में सोडियम स्तर गिरने लगता है और ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) अनियंत्रित होने लगता है।
महत्वपूर्ण बातें
- भोजन के बीच में पानी पीने से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है।
- साथ यह पेय पदार्थ भी कुछ हद तक वैसा ही काम करते हैं जैसा कि पानी।
- सुबह उठकर खूप पानी पी सकते हैं, या दिन में थोड़ा-थोड़ा कर 3 से 4 लीटर पानी पी सकते हैं।
- सर्दियों के मौसम में ठंडा पानी पीने से बचें क्योंकि इस मौसम में आपकी पाचन शक्ति काफी कमजोर होती है।
- भोजन के बाद एक कप गर्म पानी पीने से आपकी पाचन शक्ति ठीक रहती है और खाने को पचने में मदद मिलती है।
यदि भोजन सादा हो तो भोजन के समय पानी न पीना लाभकारी होता है। लेकिन जब भोजन अधिक तीखा, मिर्च-मसालेदार, नमकीन, खट्टा हो तो पानी पीना आवश्यक है, ऐसे में पानी पीने से आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके विपरीत यदि भोजन प्राकृतिक हो और भोजन को अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाते हैं तो भोजन के बीच पानी पीने की कोई आवश्यकता नहीं होती। तीखा या चटपटा भोजन करते समय ध्यान रखें कि प्यास लगने पर एक या दो घूंट पानी ही पिएं। ज्यादा पानी से पाचन सही से नहीं हो पाता है। भोजन करते समय अगर आपको खांसी आती हो और भोजन के बीच में पानी पीने की जगह दूध, मट्ठा व दही का सेवन करें। इससे आपका भोजन सही से पच सकेगा।
(नोट- इस पर अमल करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें)