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कम वसा वाला दूध पीने से दूर रहेगा बुढ़ापा, कैंसर को लेकर भी की गई Study

हाल के वर्षो में डॉक्टरों ने कैंसर के नए उपचार के तौर पर इम्यूनोथेरेपी का रुख किया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 09:54 AM (IST)
कम वसा वाला दूध पीने से दूर रहेगा बुढ़ापा, कैंसर को लेकर भी की गई Study
कम वसा वाला दूध पीने से दूर रहेगा बुढ़ापा, कैंसर को लेकर भी की गई Study

नई दिल्ली, एजेंसी। अगर आप बुढ़ापे को दूर रखना चाहते हैं तो अभी से कम वसा वाला दूध पीना शुरू कर दीजिए। एक नए अध्ययन में इस तरह के दूध के सेवन का संबंध बुढ़ापे की रफ्तार धीमी होने से पाया गया है। यह अध्ययन मौजूदा खानपान संबंधी उस दिशा-निर्देश का भी समर्थन करता है, जिसमें उच्च वसा युक्त दूध पीने की सलाह नहीं दी गई है।

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ऑक्सीडेटिव मेडिसिन एंड सेल्युलर लांगविटी जर्नल में छपे अध्ययन के अनुसार, 5,834 वयस्कों पर किए गए एक शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। उच्च वसायुक्त दूध पीने वाले प्रतिभागियों की तुलना में निम्न वसायुक्त दूध पीने वाले लोगों में बुढ़ापा आने की गति धीमी पाई गई। अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता लारी टकर ने कहा, 'अगर आप उच्च वसायुक्त दूध का सेवन करने जा रहे हैं तो इसके परिणाम से भी अवगत हो जाना चाहिए।' (प्रेट्र)

ट्यूमर में ही दिखी कैंसर से मुकाबले की नई उम्मीद

शोधकर्ताओं ने ट्यूटर में गहराई में छुपी ऐसी 'फैक्ट्री' की पहचान की है, जो इम्यून सेल्स (प्रतिरक्षा कोशिकाएं) से भरी होती हैं। ये सेल्स कैंसर से मुकाबले में मदद करती हैं। इससे कई कैंसर रोगियों को भी उबरने में मदद मिल सकती है।

हाल के वर्षो में डॉक्टरों ने कैंसर के नए उपचार के तौर पर इम्यूनोथेरेपी का रुख किया है। यह थेरेपी ट्यूमर से मुकाबले में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के बल पर काम करती है। इस विधि में खासतौर पर टी-सेल्स नामक श्वेत रक्त कोशिकाओं पर ध्यान दिया गया है। इन कोशिकाओं को कैंसर सेल्स पर हमले के लिए प्रेरित किया जाता है। यह नया उपचार हालांकि महज 20 फीसद रोगियों पर ही कारगर हो पाता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कुछ ट्यूमर में ऐसी संरचना की पहचान की गई, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं के लिहाज से 'फैक्ट्री या स्कूल' की तरह काम करती है। इससे कैंसर से मुकाबले में मदद मिल सकती है। (प्रेट्र)


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