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DRDO ने विकसित किया पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम, 7 टन के भार को विमान से गिराने में सक्षम

पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम को भारी सैन्य उपकरण को आईएल 76 विमान से ड्रॉप करने में उपयोग किया जाता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:16 AM (IST)
DRDO ने विकसित किया पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम, 7 टन के भार को विमान से गिराने में सक्षम
DRDO ने विकसित किया पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम, 7 टन के भार को विमान से गिराने में सक्षम

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम (P7 Heavy Drop System) विकसित किया है। इसके जरिए 7-टन वजन तक के सैन्य उपकरणों को आईएल 76 विमान से नीचे गिराया जा सकेगा। पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम की मदद से दुर्गम स्थलों पर सैन्य वाहनों (सात टन वजन तक के) को उतारा जा सकेगा। इससे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा। 

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बुधवार को आगरा के मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन में इसका ट्रायल किया गया। यह ट्रायल कई मायने में बेहतरीन है।यह उपलब्धि हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) हासिल कर रहा है। एडीआरडीई ने कुछ साल पूर्व हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित किया था। पैराशूट की मदद से पांच टन तक के वजन के सामान को जमीन पर आसानी से उतारा जा सकता है जबकि, अब सात टन वजन के सामान को उतारने के लिए पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित किया जा रहा है।

पैराशूट का निर्माण आर्डीनेंस फैक्ट्री द्वारा किया जाएगा। वहीं सात टन के वजन वाले प्लेटफॉर्म का निर्माण एलएंडटी ने किया है। यह ड्रॉप सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है जो मेक इन इंडिया को आगे बढ़ा रहा है। बुधवार को एयरफोर्स स्टेशन से आइएल-76 ने उड़ान भरी। इसमें सात टन वजन का प्लेटफॉर्म था। मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन के आसमान पर 600 मीटर की ऊंचाई से विमान से इसे नीचे गिरा दिया गया। तब विमान की रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा थी। पांच पैराशूट वाले सिस्टम से प्लेटफॉर्म जमीन पर सुरक्षित उतर आया। इसके बाद एक और ट्रायल किया गया। एडीआरडीई, आर्मी और एयरफोर्स के अफसरों की निगरानी में दोनों ट्रायल पूरी तरह से सफल रहे।

दूसरी तरफ डीआरडीओ ने क्वारंटाइन के दौरान लोगों की निगरानी के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इसके तहत क्वारंटाइन या आइसोलेशन में रह रहे लोगों की ट्रैकिंग की जाएगी। यह सॉफ्टवेयर नियमों का उल्लंघन करने पर अधिकारियों को अलर्ट भेजेगा। ऐप को मरीजों के स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया जाएगा, जो हर 10 मिनट में कोविड-19 सर्वर पर एक सुरक्षित संदेश भेजेगा।


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