लोगों की जरूरतों के लिए भी हो सकेगा DRDO में विकसित तकनीकों का इस्तेमाल
रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीकों का इस्तेमाल नागरिक जरूरतों के लिए भी किया जा सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने सोमवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित तकनीकों का इस्तेमाल नागरिक जरूरतों के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं से बेहतर तरीके से निपटने के लिए संरक्षा और सुरक्षा को जोड़ने की जरूरत है।
डीआरडीओ मुख्यालय में 'फायर सेफ्टी टेक्नोलॉजीस एंड सर्विसेज वर्कशॉप' को संबोधित करते हुए भामरे ने कहा कि तकनीक को सभी सरकारी विभागों के लिए उपयोगी बनाने की संभावना पर काम किया जा रहा है। साथ ही 'मेक इन इंडिया' के तहत विकसित तकनीक को धीरे-धीरे दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकता है।
बोरवेल से बचाव की तकनीक विकसित कर रहा डीआरडीओ
डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने इस मौके पर बताया कि संगठन वर्तमान में सुरक्षा बलों के लिए तकनीकें विकसित कर रहा है, लेकिन अग्निशमन सेवाओं के लिए इनमें बदलाव किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डीआरडीओ इस समय ऐसी तकनीक भी विकसित कर रहा है जिसकी मदद से बोरवेल से बचाव अभियान चलाने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि इस तकनीक के बारे में उन्होंने और ज्यादा जानकारी नहीं दी।