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Draupadi Murmu Village: दैनिक जागरण की टीम पहुंची ओडिशा में द्रौपदी मुर्मू के गांव, घर की बिटिया के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर जश्न का माहौल

झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है। दैनिक जागरण की टीम ओडिशा स्थित मुर्मू के गांव पहुंची और लोगों से उनकी प्रतिक्रियाएं ली।

By Achyut KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jun 2022 11:32 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2022 12:29 PM (IST)
Draupadi Murmu Village: दैनिक जागरण की टीम पहुंची ओडिशा में द्रौपदी मुर्मू के गांव, घर की  बिटिया के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर जश्न का माहौल
द्रौपदी मुर्मू का ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित घर

मयूरभंज, जेएनएन। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। उनका सीधा मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से होगा। मुर्मू झारखंड की इकलौती ऐसी राज्यपाल रहीं, जिन्होंने अपने पांच साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। उनके राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने पर दैनिक जागरण की टीम उनके गांव पहुंची और यहां के लोगों से बातचीत की।

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जाहेस्थान में की पूजा अर्चना

दैनिक जागरण की टीम सबसे पहले मयूरभंज जिले के रायरंगपुर के महुलडीहा में स्थित द्रौपदी मुर्मू के आवास पर पहुंचा। यहां टीम ने देखा कि उन्होंने अपने दिन की शुरुआत पारंपरिक आदिवासियों के धार्मिक स्थल जाहेस्थान देशावली में पूजा अर्चना करने के साथ की। शालीन स्वभाव की मुर्मू सभी के साथ शालीनता से मिलते हुए बधाई ली और लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया। उनके आवास पर मिलने वालों की लंबा कतारें देखने को मिली, जिसको कंट्रोल करने के लिए वीआईपी सुरक्षा गार्ड सीआरपीएफ समेत स्थानीय पुलिस प्रशासन लगा हुआ था।

'रात में मुझे राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की जानकारी मिली'

  • दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि रात में उन्हें एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाने की जानकारी मिली।
  • उन्होंने कहा कि यह एक सौभाग्य की बात है कि मुझे एनडीए प्रत्याशी बनाया गया है। यह बहुत अच्छा क्षण है।
  • मूर्मू ने कहा, 'लोग लगातार मेरे पास पहुंच रहे हैं, जिनका मैं अभिनंदन स्वीकार कर रही हूं।'

सभी महिलाओं के लिए आज गर्व का क्षण

झारखंड के कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा शुक्ला मोहंती ने कहा, 'पूरे भारतवर्ष में आदिवासी महिलाओं सहित सभी महिलाओं के लिए आज गर्व का क्षण हैं कि आज हमारी मैडम राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। हम लोगों के लिए इससे बड़ी खुशी औऱ गर्व की बात कोई और हो ही नहीं सकती। लगता है महिलाओं का दिन आज ही है।

कैसा है द्रौपदी मुर्मू का घर?

  • द्रौपदी मुर्मू के रायरंगपुर में स्थित घर में करीब 10-12 कमरे हैं, जिनमें एसी और पंखे लगे हुए हैं।
  • घर में मुर्मू को मिले प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार और स्मृति चिन्ह रखे हुए हैं।
  • यह घर दो मंजिला है।
  • मुर्मू इसी घर में रहती हैं।
  • कभी कभार वे अपने पैतृक घर उपरबेड़ा जाती हैं, जहां उनका बेटा और बहू रहते हैं।

'ढोल नगाड़े के साथ आज गांव में मनाया जाएगा जश्न'

दैनिक जागरण की टीम इसके बाद रायरंगपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर उपरबेड़ा स्थित मुर्मू के पैतृक घर पहुंची। यहां 300 घर हैं और लगभग 6000 लोग रहते हैं। गांव में खुशी का माहौल है। युवाओं में अलग जोश नजर आ रहा है। बस जश्न की तैयारी चल रही है। 25 साल के बाइलोचन गिरी को तो यही लग रहा है कि मुर्मू राष्ट्रपति बन गए हैं। वह कहते हैं, 'खुशी व्यक्त करने को शब्द नहीं है। अभी गांव के अधिकतर लोग हाट गए हैं। शाम को ढोल नगाड़े के साथ जश्न मनेगा।'

घर पर लगा है ताला

इसी गांव में 20 जून 1958 को बिरंची नारायण टुडू के घर पर द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था। यहां उनका मायका है। घर छोटा, लेकिन खूबसूरत हैं। घर पर फिलहाल कोई नहीं है। दो भाई रहते हैं। बड़ा भाई भगत टुडू का बेटा डुलाराम टुडा अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते हैं। उसी घर में छोटा भाई सारणी टुडू भी रहता है। घर में ताला लगा हुआ है और सभी दीदी के पास रायरंगपुर गए हुए हैं।

महिलाओं में खासा उत्साह

दैनिक जागरण की गाड़ी रुकते ही पड़ोस की महिलाएं झांकने लगती हैं। उनके चेहरे पर भी खुशी के भाव साफ नजर आ रहे हैं। लगभग 50 साल की सारोमनि गिरी धीरे से घर से बाहर निकलती है। वह कहती हैं, 'अरे द्रौपदी तो हमको काकी मां कहती हैं।'

'हम लोगों से मिले बिना नहीं जाती हैं'

बगल में खड़ी रेवती नंदी भी उछलकर बोलती है, 'मुझे तो काकी मौसी कहती हैं।' वह तो अपने घर की बेटी हैं। जब भी आती हैं, हम लोगों से मिले बिना नहीं जातीं। घर में बैठकर खाना भी खाती हैं। काफी विनम्र स्वभाव की हैं।' स्कूल की ओर इशारा करते हुए वह कहती हैं, वो देखिए, उपरबेरा माडल उत्क्रमित प्राइमरी स्कूल है। वहीं तो पढ़ती थी हमारी द्रौपदी।'

पूरा गांव है डिजिटल

सारोमनि ने बताया कि हमारा गांव डिजिटल गांव है। सारे घर में बैंक खाता है। हम लोगों घरों में पानी की पाइपलाइन है। सभी के यहां शौचालय है। गरीबों के लिए पीएम आवास है। सब द्रौपदी की ही देन है। कुछ दूर खड़े सत्यजीत गिरि बताते हैं, 'वर्ष 2000 के आसपास हमारे गांव आने में काफी परेशानी होती थी। द्रौपदी मुर्मू ने 2003 में पुल बनवा दिया। अब गांव से बाहर जाने में कोई परेशानी नहीं होती। पुल बन जाने से गांव का विकास भी खूब हुआ।' 

'अब दुनिया भर के लोग हमारे गांव को जानेंगे'

सत्यजीत गिरि कहते हैं, 'अब तो मेरा गांव को भी दुनिया भर के लोग जानेंगे। जैसे ही राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनने की खबर मिली, खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गर्व से सीना चौड़ा हो गया।'


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