डब्ल्यूएचओ जल्द ही कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति का करेगा फैसला : डॉ वीके पॉल
नीति आयोग के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि कोवैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा आपातकाली उपयोग की स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से चल रही है। उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ जल्द ही कोवैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग की अनुमति का फैसला जल्द कर देगा।
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत बायोटेक और आइसीएमआर द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) देश की स्वदेशी कोरोना रोधी वैक्सीन है। कोवैक्सीन को अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी नहीं मिली है। वहीं, आज नीति आयोग के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि कोवैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा आपातकाली उपयोग की स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से चल रही है। उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ जल्द ही कोवैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग की अनुमति का फैसला जल्द कर देगा।
Process for getting World Health Organisation's emergency use approval for Covaxin proceeding very well; hope decision comes soon: Paul
— Press Trust of India (@PTI_News) June 28, 2021
अभी हाल ही में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल में 77.8 फीसद कारगर पाया गया। भारतीय दवा नियामक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की समीक्षा की थी। भारत बायोटेक हैदराबाद की कंपनी है। इसने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) को सप्ताहांत पर सौंपी थी। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा को लेकर कई मौकों पर सवाल उठाया गया था। यही कारण है कि टीके की प्रभावशीलता को लेकर कंपनी की ओर से दिए गए आंकड़े महत्वपूर्ण हैं।
भारत में अभी तीन वैक्सीन का हो रहा है इस्तेमाल
बता दें कि भारत में अभी कोरोना के खिलाफ तीन वैक्सीनों का इस्तेमाल हो रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी इनमें से एक है। यह देश में बनी वैक्सीन है। दूसरी वैक्सीन कोविशील्ड लगाई जा रही है। इसको आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कर रहा है। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है। भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन बनाई है। यह भारत में बनी पहली स्वदेशी वैक्सीन है।