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Corona third wave: कोरोना की तीसरी लहर में बच्‍चों के संक्रमित होने की आशंका पर विशेषज्ञों की राय, जानें- क्या कहा

विशेषज्ञों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के ठोस वैज्ञानिक संकेत नहीं हैं। इसके लिए वे पहली और दूसरी लहर के बीच समानता की दलील देते हुए तीसरी लहर के अलग होने की आशंका को निराधार बताया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 07:02 AM (IST)
Corona third wave: कोरोना की तीसरी लहर में बच्‍चों के संक्रमित होने की आशंका पर विशेषज्ञों की राय, जानें- क्या कहा
तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के ठोस वैज्ञानिक संकेत नहीं (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने और कोरोना के गंभीर संक्रमण का सामना करने की चर्चा जोरों पर है और कई राज्यों ने इससे निपटने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। लेकिन विशेषज्ञों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के ठोस वैज्ञानिक संकेत नहीं हैं। इसके लिए वे पहली और दूसरी लहर के बीच समानता की दलील देते हुए तीसरी लहर के अलग होने की आशंका को निराधार बता रहे हैं।

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दूसरी लहर में भी बच्चों में संक्रमण बहुत कम

तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के बारे में पूछे जाने पर एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पहली और दूसरी लहर का डाटा देखें तो पाते हैं कि बच्चे बहुत कम संक्रमित होते हैं और अगर हुए भी हैं तो लक्षण हल्के (माइल्ड) ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि तीसरी लहर में संक्रमण बच्चों में ज्यादा होगा और वह भी गंभीर (सीवियर) होगा। बच्चों में कोरोना के कम संक्रमण या माइल्ड संक्रमण का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक तर्क यह दिया जा रहा है कि कोरोना वायरस जिस रिसेप्टर के सहारे कोशिका से जुड़ता है, वह बच्चों में कम होता है।

बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका नहीं

उन्होंने कहा कि अभी तक हुए म्यूटेशन के बावजूद कोरोना वायरस कमोवेश समान बना हुआ है। जाहिर है रिसेप्टर के अभाव में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका नहीं है। डा. गुलेरिया के अनुसार जो लोग बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं, उनका कहना है कि चूंकि बच्चों में अभी तक यह हुआ नहीं है इसीलिए अगली लहर में उनको ज्यादा संक्रमण हो सकता है। लेकिन अभी तक इसका कोई संकेत नहीं है।

मृत्युदर के मामले में भी अधिक आयु और गंभीर बीमारी वाले ज्यादा

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी पहली और दूसरी लहर के समान रूप से विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करने की पुष्टि करते हुए कहा कि संक्रमण का जो पैटर्न पहली लहर में था, वही दूसरी लहर में भी पाया गया है। यह भी देखा गया है कि पहली लहर के समान ही दूसरी लहर में भी 60 साल से अधिक उम्र और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की मृत्युदर अधिक रही है। डा. गुलेरिया ने भी कहा कि पिछले डेढ़ महीने में एम्स दिल्ली में कोरोना के कारण हुई मौतों के आडिट में पाया गया कि आयुवर्ग और गंभीर बीमारी के मामले में वह पहली लहर के समान ही रही है। 


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