'नमामि गंगे पर डॉ.जोशी के सवालों की धार, गडकरी पर साधा निशाना
भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'नमामि गंगे' पर सवाल दाग कर पार्टी को नई मुसीबत में डाल दिया है।
वाराणसी । भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'नमामि गंगे' पर सवाल दाग कर पार्टी को नई मुसीबत में डाल दिया है। कानपुर से सांसद डॉ. जोशी ने गंगा में जहाज चलाने की योजना को सिरे से खारिज करते हुए भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर भी नाम लिए बिना निशाना साधा और कहा 'ऐसी बातें करने वाले हमारे मित्र मंत्री को इतिहास-भूगोल का पता नहीं है।'
तुलसी घाट पर भ़़डके जोशी
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर वाराणसी के तुलसी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में जोशी ने कहा कि गंगा में जहाज चलाना तो दूर बड़ी नावें भी नहीं चल पाएंगी। जब तक गंगा अविरल नहीं बहेगी, तब तक निर्मलता का सपना पूरा नहीं होगा।
महामना पं. मदन मोहन मालवीय ने अंग्रेजों से लड़कर हरिद्वार में न्यूनतम प्रवाह बनाए रखने का समझौता कराया था, लेकिन उसका पालन सिर्फ ब्रिटिश हुकूमत तक ही हुआ। अब सरकारें उस समझौते का पालन नहीं कर रही हैं। जोशी ने यह भी कहा बड़े-बड़े बांध बनाकर गंगा को बांध दिया गया है। गंगा तालाब बन जाएगी।
केन्द्र के नमामि गंगे अभियान में कई खामियां हैं।
शुद्ध ग्लेशियर से चला जल कानपुर आते-आते सबसे ज्यादा प्रदूषित हो गया। हम जब चले थे तब राजनीति बहुत साफ थी, अब राजनीति का प्रदूषण भी बढ़ गया है। कौन-सा प्रदूषषण दूर किया जाए।
विहिप नेता सिंघल ने बताया था फिजूलखर्ची
नमामि गंगे को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। विहिप के प्रमुख अशोक सिंघल ने भी नमामि गंगा मिशन को फिजूलखर्ची बताते हुए बंद करने की बात कही थी।
क्या है नमामि गंगे प्रोजेक्ट.
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी चुनाव में किया गंगा सफाई का वादा।
अगले पांच साल के लिए 20 हजार करो़ड़ की योजना।
वर्ष 2014-15 के बजट में 2037 करोड़ का प्रावधान।
1985 से अब तक 4 हजार करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च।
नमामि गंगे अभियान का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी।