Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में हंगामा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की उपस्थिति में बुधवार को सरकार के हाई प्रोफाइल अल्पसंख्यक आयोजन में एक शख्स ने जमकर हंगामा किया। सरकारी योजनाओं की पोल खोलते हुए उसने अल्पसंख्यकों के लिए शुरू किए गए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लापरवाही का आरोप लगाया। राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम के उद्घाटन के मौके की नजाकत और राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए सोनिया ने इस पर दखल दिया और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ए रहमान खान को शिकायतकर्ता से अलग से चर्चा करने को कहा।

By Edited By: Published: Wed, 29 Jan 2014 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2014 07:34 AM (IST)
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में हंगामा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की उपस्थिति में बुधवार को सरकार के हाई प्रोफाइल अल्पसंख्यक आयोजन में एक शख्स ने जमकर हंगामा किया। सरकारी योजनाओं की पोल खोलते हुए उसने अल्पसंख्यकों के लिए शुरू किए गए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लापरवाही का आरोप लगाया। राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम के उद्घाटन के मौके की नजाकत और राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए सोनिया ने इस पर दखल दिया और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ए रहमान खान को शिकायतकर्ता से अलग से चर्चा करने को कहा। एसपीजी ने हंगामा करने वाले शख्स को दबोच कर विज्ञान भवन के मुख्य हाल से बाहर कर दिया।

loksabha election banner

हंगामे की शुरुआत प्रधानमंत्री का भाषण खत्म होने के साथ ही हुई। अल्पसंख्यक हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए डॉ फहीम बेग नाम के शख्स ने कहा कि पहले की योजनाओं पर ही अमल हो जाए तो नई योजनाओं की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। इस पर सोनिया ने मंच पर साथ बैठे रहमान को नाराज व्यक्ति की शिकायतों के निवारण का निर्देश दिया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने तुरंत बाहर निकलकर फहीम को एसपीजी के कब्जे से छुड़ाया। उन्होंने भरोसा दिया कि जल्द उसकी मुलाकात रहमान खान और फिर प्रधानमंत्री से कराई जाएगी।

इस बीच, राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम का उद्घाटन करते हुए सोनिया ने कहा कि सरकार ने अपना एक और वादा पूरा कर दिखाया है। मुजफ्फरनगर दंगे का जिक्र किए बगैर उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी घटनाओं को दंगे में तब्दील नहीं होने देना चाहिए। पुलिस को बिना भेदभाव के इससे निपटना चाहिए। चुनावी साल में अल्पसंख्यकों के मुखर विरोध को संबोधित करते हुए सोनिया ने संसद में सांप्रदायिकता निरोधक विधेयक जल्द से जल्द पेश करने का एलान भी किया।

इससे पहले फहीम ने कुछ कागज लहराते हुए कहा, अल्पसंख्यकों के लिए शुरू किए गए 15 सूत्रीय कार्यक्रमों पर ही अमल नहीं हो रहा। ऐसे में और योजनाएं लांच करने की क्या जरूरत है? प्रधानमंत्री के नाम लिखे 150 पत्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां से एक पावती तक नहीं आई। तब तक एसपीजी ने उन्हें दबोच लिया, जिस पर उनके आसपास बैठे लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और सोनिया के समक्ष भी उन्हें अपनी बात नहीं रखने दी जा रही।

संप्रग ने हर किसी को ठगा: भाजपा

जिस सच्चर आयोग की पीठ पर चढ़कर संप्रग-दो सरकार सत्ता में आई थी, उसी पर उठ रहे सवालों ने भाजपा को हमला तेज करने का मौका दे दिया है। प्रधानमंत्री और संप्रग अध्यक्ष के सामने ही अल्पसंख्यकों के आक्रोश का हवाला देते हुए पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दस साल के कुशासन से पूरा देश त्रस्त है। बुधवार की घटना एक छोटी सी अभिव्यक्ति थी।

पढ़ें: अल्पसंख्यकों पर मेहरबानी

सामने खड़े लोकसभा चुनाव से पहले कई दलों में अल्पसंख्यक मतों को लेकर घमासान है। ऐसे में त्रिवेदी ने याद दिलाया कि पिछले चुनाव से पहले इसी विज्ञान भवन में मनमोहन ने देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला हक बताया था। चुनावी वोट की खातिर प्रधानमंत्री ने यह पासा फेंका था। लेकिन, दस साल में इस सरकार ने अल्पसंख्यकों को भी सपना ही दिखाया। यही कारण है कि अब अल्पसंख्यकों ने भी सरकार से रोष जता दिया है। दोष भाजपा पर मढ़ा जाता है लेकिन उन्हें खुद निर्णय लेना चाहिए कि 56 सालों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार है या दूसरा कोई।

पढ़ें: मनमोहन सिंह कर सकते हैं राहुल की पैरवी

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.