दो एमबीपीएस से कम नहीं होगी ब्राडबैंड की डाउनलोड स्पीड, केंद्र सरकार ने बदली कनेक्टिविटी की परिभाषा
वित्तीय संकट में घिरी वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने 16133 करोड़ रुपये की बकाया ब्याज को इक्विटी यानी शेयरों में बदलने की मंजूरी दे दी है। वोडाफोन ने शेयर बाजारों को बताया कि इससे कंपनी में सरकार की करीब 33.14 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्र सरकार ने ब्राडबैंड कनेक्टिविटी की परिभाषा को बदलते हुए न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को बढ़ाकर दो एमबीपीएस (मेगाबाइट प्रति सेकेंड) कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब सभी कंपनियों को ब्राडबैंड की डाउनलोड स्पीड कम से कम दो एमबीपीएस देनी होगी। 25 जनवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, जुलाई 2013 में परिभाषा जारी करते हुए दूरसंचार विभाग ने न्यूनतम डाउनलोड स्पीड 512 केबीपीएस तय की थी। नई परिभाषा तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है।
30 नवंबर 2022 तक भारत में 82.54 करोड़ ब्राडबैंड सब्सक्राइबर थे। इसमें से 79.35 करोड़ वायरलैस यूजर थे। ताजा डाटा के अनुसार, नवंबर 2022 में देश के कुल ब्राडबैंड बाजार में शीर्ष पांच कंपनियों की 98.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इन कंपनियों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और आत्रिया कन्वर्जेंस शामिल हैं। ब्राडबैंड इंडिया फोरम के प्रेसिडेंट टीवी रामचंद्रन ने कहा कि इस फैसले से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी ब्राडबैंड उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
वोडाफोन पर बकाया ब्याज को शेयर में बदलने को मंजूरी
वित्तीय संकट में घिरी वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने 16,133 करोड़ रुपये की बकाया ब्याज को इक्विटी यानी शेयरों में बदलने की मंजूरी दे दी है। वोडाफोन ने शेयर बाजारों को बताया कि इससे कंपनी में सरकार की करीब 33.14 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी। वोडाफोन पर करीब दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने बताया कि सरकार को 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर आवंटित किए जाएंगे। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आदित्य बिरला समूह की ओर से कंपनी को चलाए जाने और आवश्यक निवेश लाने का आश्वासन मिलने के बाद ही बकाया को इक्विटी में बदला गया है।