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मोबाइल चोरों की अब खैर नहीं, सरकार ला रही ये टेक्नोलॉजी; ऐसे करेगी काम

मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकाल दिए जाने या उसका आइएमईआइ नंबर बदल दिए जाने के बाद भी नई टेक्नोलॉजी से हैंडसेट का पता लगाया जा सकेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 07:25 AM (IST)
मोबाइल चोरों की अब खैर नहीं, सरकार ला रही ये टेक्नोलॉजी; ऐसे करेगी काम
मोबाइल चोरों की अब खैर नहीं, सरकार ला रही ये टेक्नोलॉजी; ऐसे करेगी काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार अगले महीने एक टेक्नोलॉजी समाधान पेश करने जा रही है, जिससे देश में उपयोग हो रहे मोबाइल फोन के गुम होने या चोरी होने की स्थिति में उसकी खोज की जा सकेगी। एक अधिकारी ने कहा कि मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकाल दिए जाने या उसका आइएमईआइ नंबर बदल दिए जाने के बाद भी नई टेक्नोलॉजी से हैंडसेट का पता लगाया जा सकेगा।

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सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने टेक्नोलॉजी तैयार कर ली है और अगस्त में इसके लांच कर दिए जाने की उम्मीद है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) के अधिकारी ने कहा कि संसद का सत्र खत्म होने के बाद दूरसंचार विभाग इस टेक्नोलॉजी को लांच करने के लिए मंत्री से संपर्क करेगा। अगले महीने इसे लांच किया जा सकता है। संसद का चालू सत्र 26 जुलाई को समाप्त होगा।

मोबाइल फोन ट्रैकिंग परियोजना 'सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटि रजिस्टर (सीईआइआर)' का काम दूरसंचार विभाग ने सी-डॉट को जुलाई 2017 में दिया था। सरकार ने देश में सीईआइआर स्थापित करने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है। सीईआइआर से देश में जाली मोबाइल फोन हैंडसेट्स की संख्या घटाने और चोरी के मामलों को कम करने में मदद मिलेगी।

ऐसे काम करेगी टेक्नोलॉजी

गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकाले जाने या उसका आइएमईआइ नंबर बदल दिए जाने के बावजूद सीईआइआर इस हैंडसेट की सारी सुविधा ब्लॉक कर देगा, चाहे भले ही वह डिवाइस किसी भी नेटवर्क पर चलाया जा रहा हो।

उम्मीद की जा रही है कि इस प्रणाली से उपभोक्ता हितों की भी सुरक्षा होगी और यह कानून लागू करने वाली एजेंसियों को कानूनी तरीके से मोबाइल पर होने वाले संवादों को ट्रैक करने की भी सुविधा देगी। यह सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के आइएमईआइ डाटाबेस को एक-दूसरे से जोड़ देगी।

यह सभी नेटवर्क ऑपरेटर्स के लिए एक केंद्रीय प्रणाली के रूप में काम करेगी और काली सूची में डाले गए मोबाइल फोन की सूचना साझा करेगी। किसी भी एक नेटवर्क में काली सूची में डाला गया मोबाइल फोन दूसरे नेटवर्क पर नहीं चलेगा। डिवाइस का सिम कार्ड बदल दिए जाने के बाद भी वह नहीं चलेगा।


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