भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता तो बढ़ी, बर्फ नहीं पिघली
भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बातचीत के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप हावी रहे। पाक विदेश मंत्री हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस में शामिल होने दिल्ली आए हैैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट हमले के बाद भारत-पाक के बीच बातचीत की अटकी गाड़ी एक बार फिर चल पड़ी है। लेकिन भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की डेढ़ घंटे चली बातचीत में एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप ही हावी रहे।
भारत ने जहां दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने में आतंकवाद को सबसे बड़ा रोड़ा बताया, वहीं पाकिस्तान की ओर से कश्मीर को विवाद की मूल जड़ साबित करने की कोशिश हुई। ब्लूचिस्तान में पकड़े गए कथित रॉ एजेंट के पाकिस्तान के आरोप का भारत ने तीखा जवाब दिया। वैसे दोनों विदेश सचिव भविष्य में मुलाकातों के दौर जारी रखने पर सहमत थे।
बातचीत में भारत की मुख्य आपत्ति सीमा पार से संचालित आतंकी गतिविधियों पर थी। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को इस तथ्य को स्वीकार करने को कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने में आतंकवाद सबसे बड़ा रोड़ा है। उनका कहना था कि पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जांच पाकिस्तान को तेज कर दोषियों पर शिकंजा कसना चाहिए।
उन्होंने मुंबई हमले के छह साल बाद भी पाकिस्तान में रह रहे आरोपियों को सजा नहीं होने पर भी चिंता जताई। पठानकोट हमले में जैश-ए-मुहम्मद सरगना अजहर मसूद के खिलाफ पुख्ता सुबूतों से लैस विदेश सचिव ने संयुक्त राष्ट्र में उसके खिलाफ भारत के प्रस्ताव का मुद्दा उठाया और पाकिस्तान को इसका समर्थन करने को कहा।
वहीं, पाकिस्तान के अनुसार उनके विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया।
उनका दावा था कि कश्मीर ही दोनों देशों के बीच बातचीत का केंद्रीय मुद्दा रहेगा और इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और कश्मीरियों की इच्छा के आधार पर हो। इसके साथ ही पाकिस्तान ने रॉ अधिकारी कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि रॉ कराची और बलूचिस्तान में गलत गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। लेकिन भारत ने कुलभूषण जाधव को रॉ एजेंट बताने पर तीखी आपत्ति जताई।
सूत्रोंं के अनुसार एस. जयशंकर ने कहा कि कोई भी देश अपने जासूस को अपना पासपोर्ट देकर बिना वीजा के दूसरे देश में जासूसी करने नहीं भेजता। पाकिस्तान के आरोप को झूठा बताते हुए उन्होंने जाधव को निर्दोष साबित करने के लिए भारतीय राजनयिकों से मिलने और कानूनी सहायता देने की अनुमति की मांग की। वहीं पाकिस्तान ने समझौता धमाके के आरोपी की रिहाई की कोशिशों पर भी चिंता जताई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों ने मछुआरों और एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों के मामलों को मानवीय रूप में देखने पर भी सहमति जताई। साथ ही उम्मीद जताई कि दोनों देश इसी तरह उच्चस्तरीय संपर्क जारी रख आपसी भरोसा बढ़ाएंगे और वार्ता की प्रक्रिया को आगे भी जारी रखेंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस में शामिल होने दिल्ली आए हैैं।