Move to Jagran APP

PM मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी से अमेरिकी विपक्ष हुआ बेचैन, जानें क्या है पूरा मामला

यहां एक बड़ा सवाल यह है कि मोदी के इस कार्यक्रम में आखिर ट्रंप की क्‍यों दिलचस्‍पी है। कहीं इसके राजनीतिक तार 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव से तो नहीं जुड़े हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 02:53 PM (IST)
PM मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी से अमेरिकी विपक्ष हुआ बेचैन, जानें क्या है पूरा मामला
PM मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी से अमेरिकी विपक्ष हुआ बेचैन, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक मुल्‍कों के बड़े नेता एक मंच पर होंगे। हालांकि, यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। इसके जरिए वह उस परपंरा को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें वह भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हैं। लेकिन यह कार्यक्रम खास इसलिए हो गया है, क्‍योंकि 22 सितंबर, 2019 को टेक्सास के ह्यूस्टन में मोदी के साथ अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भी शिरकत करेंगे। यहां एक बड़ा सवाल यह है कि मोदी के इस कार्यक्रम में आखिर ट्रंप की क्‍यों दिलचस्‍पी है। कहीं इसके राजनीतिक तार 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव से तो नहीं जुड़े हैं। आदि-आदि।

loksabha election banner

रंग लाएगी मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी
अंतरराष्‍ट्रीय जगत में मोदी और ट्रंप की इस जुगलबंदी के कूटनीतिक और राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। वह इसलिए भी है क्‍योंकि ट्रंप ने इसके पहले कभी भी किसी दूसरे देश के नेता के साथ इस तरह से मंच साझा नहीं किए। इतना ही नहीं अमेरिकी इतिहास में कभी भी किसी विदेशी नेता को इतनी तरजीह नहीं दी गई, जितना मोदी को मिल रही है।  इस कार्यक्रम में वरिष्ठ डेमोक्रैट स्टेनी होवर, तुलसी गबार्ड समेत अमेरिका के करीब साठ सांसद, गवर्नर, जज और व्यापार जगत के दिग्गज भी शामिल होंगे।

अमेरिका का यह इलाका भारतीयों का गढ़
दरअसल, मोदी का यह कार्यक्रम ह्यूस्टन में हो रहा है। अमेरिका का यह इलाका भारतीयों का गढ़ है। इस हिस्‍से में भारतीयों का दबदबा है। ऐसे में जब वर्ष 2020 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति का चुनाव होना है तो ट्रंप इस मौके को नहीं चूकना चाहते। मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ह्यूस्टन के एनआरजी स्‍टेडियम में करीब 50 हजार के आस-पास लोग मौजूद रहेंगे। अगले वर्ष के अंत में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर ट्रंप इस मौके को गंवाना नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्‍होंने बिना बिलंब किए इस कार्यक्रम में आने की हामी भर दी। क्‍योंकि ट्रंप को इसकी राजनीतिक अहमयित का अंदाजा लग गया है। वहीं अमेरिका के विपक्षी खेमे में इस कार्यक्रम को लेकर हलचल है।  

नमाे ने एक नई परंपरा का श्रीगणेश किया 
विदेश दौरे के दौरान भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करने की जो परंपरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की है उसका एक नया अंदाज उनकी आगामी अमेरिका यात्रा में दिखाई देगा। इस बार मोदी ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में जब 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के तहत 50 हजार भारतीयों को संबोधित करेंगे तो उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी होंगे।

- माना जा रहा है कि ट्रंप इस बार भी भारतीयों को लुभाने की कोशिश करेंगे। इसके लिए मोदी के साथ एक मंच से भारतीयों को संबोधित करने से बड़ा और कोई अवसर नहीं हो सकता। 
- मोदी 22 से 27 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर होंगे। वहां राष्ट्रपति ट्रंप से उनकी द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी। पिछले तीन महीनों में देखा जाए तो मोदी और ट्रंप के बीच यह तीसरी द्विपक्षीय मुलाकात होने जा रही है।
- सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने फ्रांस में जी-7 की बैठक के दौरान ट्रंप के साथ हुई मुलाकात में मोदी ने उनसे ह्यूस्टन में अपने कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था।
- ट्रंप ने उसी वक्त इसे स्वीकार कर लिया था और अपने अधिकारियों को आगे की तैयारी करने का निर्देश दिया था। पीएम मोदी तीन बार अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर जा चुके हैं। 2014 व 2016 में उन्होंने न्यूयार्क व सिलिकॉन वैली में हजारों भारतीयों को संबोधित किया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.