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डोमिनिका की सरकार बोली- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उनके देश का नागरिक नहीं

कैरेबियाई देश रिपब्लिक ऑफ डोमिनिका की सरकार ने कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उनके देश का नागरिक नहीं है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 02:24 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 02:24 PM (IST)
डोमिनिका की सरकार बोली-  अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उनके देश का नागरिक नहीं
डोमिनिका की सरकार बोली- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उनके देश का नागरिक नहीं

नई दिल्ली, एएनआइ। कैरेबियाई देश रिपब्लिक ऑफ डोमिनिका की सरकार ने कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उनके देश का नागरिक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दाऊद कभी भी उनके देश का नागरिक नहीं रहा है। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि दाऊद इकनॉमिक सिटिजनशिप प्रोग्राम के तहत भी कभी डोमिनिका का नागरिक नहीं रहा है। मीडिया में प्रकाशित इस तरह की सभी खबरें झूठी हैं।

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डोमेनिका सरकार ने अपने बयान में कहा है कि निवेश के माध्यम से नागरिकता देने से पहले पूरी जांच पड़ताल की जाती है। ऐसे फर्मों की कई स्तरों पर जांच होती है। यह डोमेनिका के नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के हितों को ध्यान में रखकर किया जाता है। इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कहा था कि दाऊद अलग-अलग नाम और पते से कई पासपोर्ट रखता है। इसमें भारत, पाकिस्‍तान, दुबई और डोमिनिका शामिल है। बता दें कि मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का मास्ट माइंड है। इन धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और करीब 1400 लोग घायल हुए थे।  इसके बाद से ही दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने की खबरें आती रहीं।

भारत ने कई बार पाकिस्तान को दाऊद को सौंपने के लिए कहा

भारत ने कई बार पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहा, लेकिन पड़ोसी मुल्क इस बात से इन्कार करता रहा है कि उसने दाऊद इब्राहिम को पनाह दी है।  हाल ही में पाकिस्तानी सरकार के एक दस्तावेज ने दाऊद इब्राहिम के वहां होने का खुलासा किया। यह दस्तावेज पाकिस्तान द्वारा स्वीकृत 88 आतंकवादियों की सूची से संबंधित था। दस्तावेज में उसका पता व्हाइट हाउस कराची बताया गया।

अक्टूबर में FATF की बैठक

अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)की बैठक से पहले यह मामला सामने आया है। इस बैठक में यह समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान द्वारा उसकी धरती पर आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं या नहीं। उसको बार-बार आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है और जून 2018 से वह एफएटीएफ ग्रे सूची में है। ऐसे में इस बैठक के दौरान वह ब्लैकलिस्ट भी हो सकता है।  


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