आज से शुरू होंगी घरेलू उड़ानें, कई राज्य कर रहे विरोध, यात्रा से पहले जान लें क्या हैं नियम
क्वारंटीन को लेकर राज्यों के अलग- अलग सुर ने ऐसा माहौल बना दिया है कि लोग खुद ही यात्रा करने से हतोत्साहित हो सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हवाई जहाजों की उड़ान पर पिछले दो महीने की लंबी पूर्ण बंदी के बाद सोमवार को पहली बार फ्लाइट शुरू होंगी। लेकिन फ्लाइट के टेकआफ से पहले ही कई प्रमुख राज्यों ने इसका मुखर विरोध करना शुरू कर दिया है। क्वारंटीन को लेकर अलग- अलग सुर ने ऐसा माहौल बना दिया है कि लोग खुद ही यात्रा करने से हतोत्साहित हों। जबकि इसकी आशंका भी गहराने लगी है कि इस खींचतान में राजनीति न गरमाने लगे। ऐसे में उड़ानें शुरू तो हो रही हैं लेकिन इसे सुचारू रखने के लिए समन्वय और जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी राज्यों, एयरपोर्ट के आला अफसरों और एयर लाइंस के प्रतिनिधियों की बैठक सोमवार को बुलाई है। सोमवार को सीमित घरेलू उड़ानें शुरू की जाएंगी, जिसके तहत कुल 380 फ्लाइटों को अनुमति दी गई है।
अलग-अलग एसओपी से यात्रियों और एयरलाइनों की मुश्किलें बढ़ीं
नई दिल्ली एयरपोर्ट से कुल 190 फ्लाइटें उड़ेंगी और इतनी ही उतरेंगी भी। तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। लेकिन राज्यों की ओर से जारी अलग-अलग आचार संहिता (एसओपी) को लेकर यात्रियों और एयरलाइनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ ने घरेलू फ्लाइटों के शुरू होने पर अपनी आपत्तियां जतानी शुरू कर दी है। जबकि केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी का मानना था कि जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं हों, उन्हें आरोग्य सेतु देखकर जाने देना चाहिए। राज्यों की ओर से जारी एसओपी में सारा मसला यात्रियों के क्वारंटीन को लेकर फंस रहा है। ज्यादातर राज्यों में इतने पेंच फंसाये जा रहे हैं कि यात्रियों को फजीहत हो सकती है।
राज्यों ने क्वारंटीन को लेकर बनाए अलग-अलग नियम
महाराष्ट्र ने सीमित और जरूरी फ्लाइटें ही चलाने का आग्रह किया है। रेड जोन की वजह से राज्य तैयार नहीं है। तमिलाडु और पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की दिक्कतें गिनाई गई हैं। छत्तीसगढ़ ने यात्रियों को सीधे क्वारंटीन में भेजने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश ने जारी अपनी एसओपी में कहा है कि राज्य में ट्रेन अथवा हवाई जहाज से पहुंचने वाले यात्रियों को हर हाल में 14 दिन के क्वारंटीन में जाना होगा, भले ही होम क्वारंटीन ही क्यों न हो। लेकिन सात दिन से कम अवधि के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों पर क्वारंटीन में जाने का प्रावधान लागू नहीं होगा।
महाराष्ट्र के सीएम ने सिर्फ न्यूनतम फ्लाइट चलाने का किया आग्रह
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने घरेलू उड़ानों के शुरू करने के बाबत साफ तौर पर कह दिया है कि महाराष्ट्र से सिर्फ न्यूनतम फ्लाइट चलाई जाएं, जो बहुत ही आवश्यक हों। इनमें चिकित्सा संबंधी, इंटरनेशनल फ्लाइट के ट्रांसफर पैसेंजर और फंसे हुए छात्रों के साथ कुछ अति आवश्यक समझे जाने वाले लोगों के लिए ही फ्लाइट चलाई जाए। लेकिन राज्य से ट्रेनों की आवाजाही एक मई से ही जारी है।
छत्तीसगढ़ में बाहर से आने वाले यात्रियों की होगी जांच
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से अधिसूचना जारी कर चेतावनी दे दी है कि जो भी यात्री बाहर से बस, ट्रेन अथवा हवाई जहाज से पहुंचेंगे, उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इस दौरान संदिग्ध लोगों को क्वारंटीन में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य जांच के आधार पर उन्हें संस्थागत, होम अथवा पेड क्वारंटीन में भेजा जा सकता है। तमिलनाडु ने यात्रियों के लिए इतने सख्त प्रावधान किये हैं कि लोगों के लिए यात्रा करना ही मुश्किल हो जाएगा।
तमिलनाडु और कर्नाटक में हैं अलग-अलग नियम
तमिलनाडु जाने वाले यात्रियों को पहले ही प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी। कर्नाटक में पहले से यह प्रावधान है, जहां स्वास्थ्य जांच में संदिग्ध पाये जाने पर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में जाना आवश्यक है। पूरी जांच का प्रावधान हर एयरपोर्ट पर किया गया है। जिन राज्यों में अभी फ्लाइट से जाने वालों के क्वारंटीन पर चुप्पी है, उन्हें भी आशंका है कि कहीं विपक्षी दल इसे प्रवासी मजदूर और संपन्न के बीच की लड़ाई ही न बना दें। ऐसे में समन्वय की कमी गहरी दिखने लगी है।