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कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज की होगी जरूरत? एम्स के सीनियर डॉक्टर बोले- पूरे विश्व में शोध जारी

भारत अमेरिका और कई अन्य देशों में यह देखने के लिए अनुसंधान हो रहा है कि क्या कोरोना वायरस की वैक्सीन की लंबी प्रभावकारिता बनाए रखने के लिए बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी। एम्स के एक सीनियर डॉक्टर ने इसकी जानकारी दी है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 08:35 AM (IST)
कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज की होगी जरूरत? एम्स के सीनियर डॉक्टर बोले- पूरे विश्व में शोध जारी
कोरोना वैक्सीन की बूस्टर की जरूरत पर हो रहा शोध।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों में यह देखने के लिए अनुसंधान हो रहा है कि क्या कोरोना वायरस की वैक्सीन की लंबी प्रभावकारिता बनाए रखने के लिए बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी। एम्स के एक सीनियर डॉक्टर ने इसकी जानकारी दी है। एम्स दिल्ली में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजीव सिन्हा ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि भारत में कोरोना टीकाकरण शुरू हुए लगभग पांच महीने हो चुके हैं। हर कोई सरकार, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों से यह जानना चाहता है कि क्या वे सुरक्षित हैं या उन्हें खुद को सुरक्षित बनाने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण प्रश्न है। इसे लेकर भारत समेत अमेरिका और यूरोपीय देशों और विदेशों में बहुत सारे शोध हो रहे हैं।

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डॉ.संजीव सिन्हा ने आगे बताया कि हमारे पास दो-तीन महीने में अन्य आंकड़े भी होंगे। इसके बाद ही हम बूस्टर डोज पर फैसला ले पाएंगे। सब कुछ शोध पर आधारित होगा। एम्स में भी बूस्टर डोज पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 के खिलाफ तीन टीकों- कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी- को उपयोग की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित होने के बाद सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को बढ़ाने का फैसला किया।

लोगों से कोरोना के खिलाफ सावधानी बरतने और लापरवाह न होने का आग्रह

डॉ. सिन्हा ने नए मामलों की संख्या में कमी आने के बाद भी लोगों से कोरोना के खिलाफ सावधानी बरतने और लापरवाह न होने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। हर किसी को बहुत सावधान रहना होगा। लोगों को कोरोना संबंधी एहतियात का पालन करना चाहिए। बहुत आवश्यक होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए। बेहतर होगा कि लोग घर से काम करें। यदि ऑफिस जाना बहुत जरूरी है, तो फिर लोग साथ में लंच करने से बचें। 


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