पत्नी, सास, ससुर की हत्या से पहले ही जहर दे चुका था डॉक्टर रोहित
इंदौर, नई दुनिया। बखतगढ़ टावर में पत्नी, सास और ससुर की नृशंस हत्या कर मौत को गले लगाने वाले डॉ. रोहित ने पहले तीनों को जहर दिया और फिर जब बेसुध हो गए तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
इंदौर, नई दुनिया। बखतगढ़ टावर में पत्नी, सास और ससुर की नृशंस हत्या कर मौत को गले लगाने वाले डॉ. रोहित ने पहले तीनों को जहर दिया और फिर जब बेसुध हो गए तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
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फ्लैट से मिली कुछ शीशियों व टेबलेट के रैपर से इस आशंका को पुख्ता कर रहे हैं। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट से भी संकेत मिल रहे हैं कि तीनों के पेट में जहरीला पदार्थ था और इससे ही वे बेसुध हुए होंगे। इसकी पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। विसरा जांच के लिए सागर लैब भेजा गया है।
नरसंहार में अभी भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, हालांकि सुसाइड नोट को प्राथमिकता दी जा रही है। इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि कहीं यह पुलिस को गुमराह करने के लिए तो नहीं लिखा गया। हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है कि सास-ससुर और पत्नी की हत्या के पहले डॉक्टर रोहित ने किसी जहरीली वस्तु का इस्तेमाल किया होगा। मेडिकल सूत्र बताते हैं कि मृतकों के पेट में स्टेमा और कंजक्शन पाया गया है। जो सभी के पेट में समान दिख रहा है। यह जहर देने की ओर ही इशारा करता है।
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इसलिए पैदा हो रही है शंका
स्टेमा और कंजेक्शन सर्दी और खांसी की दवाई के रूप में लिया जाता है, लेकिन एक साथ तीनों में यह समान मात्रा में पाया गया। एफएसएल की जांच और पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर प्रियंका, उसकी मां गायत्री और पिता प्रेमचंद पांडे के शरीर पर संघर्ष के एक भी निशान नहीं दिखे।
डॉ. रोहित के शरीर पर नाखून या अन्य रगड़ के निशान नहीं मिले। यह बताता है कि तीनों सदस्यों को बेसुधी में मारा गया होगा। इस बात का गहराई से निरीक्षण भी चल रहा है।
दो घंटे से ज्यादा विवाद और हत्या, लेकिन एक भी चीख सुनाई नहीं दी। संकेत है कि हत्या के पहले वे वेसुध थे। हत्याकांड के बाद घर में सबूतों से छेड़छाड़ की गई। उसने ऐसा क्यों किया यह संदेहास्पद है। घर के कुछ हिस्से को साफ किया। कपड़े बदलने के बाद कुछ सबूतों को मिटाया।
उठ रहे कई सवाल
डॉ अनिल लांजेवाल ने कहा कि रोहित खुद रेडियोलॉजिस्ट था और दवाओं के बारे में जानता था। हो सकता है उसने किसी ऐसी दवाई का इस्तेमाल किया हो, जिससे बाद में उसका खुलासा नहीं हो सके। पुलिस अफसर इस बात से भी इन्कार नहीं कर रहे हैं कि यह मर्डर पूर्व नियोजित हो, क्योंकि घटना के वक्त मौजूद एक भी व्यक्ति अब जिंदा नहीं है। पुलिस को गुमराह करने के लिए भी सुसाइड नोट लिखा जा सकता है। अभी भी यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर बच्ची को किसने मारा। पुलिस अभी भी दोनों चीजों पर यकीन नहीं कर पा रही है कि हत्या मां ने की है या पिता ने। पांचों शवों की डिटेल रिपोर्ट के लिए बिसरा सागर भेजा गया है। उसके आने पर ही खुलासा हो सकेगा। वैसे किसी भी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।' डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि फ्लैट से टेबलेट के रैपर और खाली शीशियों से शंकाएं काफी हैं। इस ओर हमारी जंाच जारी है।
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