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कैंसर, अस्‍थमा के खतरे को कम करने के साथ दिमागी क्षमता बढ़ता है यह ड्रिंक

कॉफी बहुत फायदेमंद होती है, नियमित रूप से कॉफी पीने वालों को इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलते हैं। इसमें पाया जाने वाला कैफीन हमारे शरीर को ऊर्जावान बनाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 02:30 PM (IST)
कैंसर, अस्‍थमा के खतरे को कम करने के साथ दिमागी क्षमता बढ़ता है यह ड्रिंक
कैंसर, अस्‍थमा के खतरे को कम करने के साथ दिमागी क्षमता बढ़ता है यह ड्रिंक

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देशभर में करोड़ों लोग अपने दिन की शुरुआत गरमा गरम कॉफी के साथ करते हैं। काफी पीने से आलस दूर होता है और एनर्जी मिलती है। यह बात तो आप सभी जानते हैं लेकिन आप यह पता है क‍ि इसे पीने से हमें कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी मिलते हैं। इसके लाभों में से कुछ लाभ वजन घटाना, ऊर्जा को बढ़ाना, डायबिटीज कम होती है और लिवर की सुरक्षा भी करती है। यही नहीं यह हमारी पाचन शक्ति में सुधार करता है और कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद भी करता है। हृदय  रोग से भी बचाता है। यानी यह कहना गलत नहीं होगा क‍ि यह स्‍वाद में जितनी अच्‍छी लगती है, उतनी ही स्‍वास्‍थ्‍य के लिये फायदेमंद भी है।

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सर्वाइकल-लिवर कैंसर से करती है बचाव
ब्रिटेन में हाल ही में हुए एक शोध में सर्वाइकल कैंसर को बचाने में कॉफी की भूमिका पर शोध किया गया। द वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड की रिपोर्ट में यह भी मिला कि कॉफ़ी भी सर्वाइकल कैंसर के ख़तरे को कम कर सकती है। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि अभी इस बात के पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि यह कहा जा सके कि कॉफी पीने ये खतरा कम हो सकता है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अगर महिलाएं रोज आधा घंटा कसरत करें और अपने वजन पर ध्यान दें तो गर्भाशय कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है। गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर में चौथा सबसे आम कैंसर है। दिन में तीन कप कॉफी का सेवन लिवर कैंसर के खतरे को पचास फीसदी से भी अधिक घटा देता है। कॉफी पीने से हेपटोसेल्‍युलर कार्सिनोमा (एचसीसी) की आशंका भी कम रहती है, यह आमतौर पर होने वाला लिवर कैंसर है। 

तनाव से करती है दूर 
तनाव और काम की अधिकता के कारण मूड बिगड़ना आम बात है। कॉफी के सेवन से तनाव दूर होता है। सीयोल नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध के अनुसार कॉफी में पाये जाने वाले तत्‍वों के कारण तनाव दूर होता है। इस शोध में यह बात भी सामने आयी कि रात में कॉफी पीने से अच्‍छी नींद आती है जिससे तनाव से बचने में आसानी होती है। कॉफी पीकर आप अपने बिगड़े मूड को ठीक कर सकते हैं। कॉफी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपके मूड को ठीक करने में मदद करते हैं। यह शरीर को ऊर्जावान भी बनाता है जिससे दोबारा काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। 

अस्थमा-पार्किंसंस में है लाभदायक
अस्‍थमा जैसी सांसों की बीमारी के होने पर कॉफी का सेवन करने से फायदा होता है। क्योंकि कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन और थियोफायलीन नाम की दवाइयां अस्थमा से ग्रस्त मरीजों को सांस ठीक से लेने में मदद करती हैं। साइंस डेली में 2012 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जो लोग नियमित रूप से कॉफी का सेवन करते हैं उनमें पार्किंसंस बीमारी के होने की संभावना कम होती है। शोध में यह बात सामने आयी कि कैफीन के सेवन के कारण पर्किंसंस बीमारी के होने का खतरा कम होता है।

खुश रखने के साथ दिमागी क्षमता भी बढ़ाएं
नेचर नूरोसाइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कॉफी के सेवन से दिमागी क्षमता भी बढ़ जाती है साथ ही यह आपकी याद्दाश्‍त बढ़ाने में भी सहायक है। दिमाग पर कॉफी का असर पीने के 24 घंटे तक रहता है।नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ द्वारा किये गये शोध के अनुसार, कॉफी का सेवन करने वाले लोग अन्‍य लोगों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं। इस शोध के अनुसार जो लोग नियमित रूप से 4 कप या अधिक कॉफी पीते हैं वे अन्‍य लोगों की तुलना में 10 प्रति‍शत अधिक खुश रहते हैं। कैफीन तनाव दूर कर खुश रखने में मदद करता है।

ब्‍लैक कॉफी भी है फायदेमंद
ब्लैक कॉफी को हमेशा हेल्दी माना जाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है और इसमें कैल्शियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मधुमेह के रोगी ब्लैक कॉफ़ी वो भी शकर के बगैर पी सकते हैं, यह उनके शुगर को नियंत्रण में करती है। इसी तरह अगर आप वजन कम करना चाहती है तो दिन में दो कप ब्लैक कॉफ़ी शकर के बगैर पीयें इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलेगी और जिम में आप आसानी से वर्कआउट कर पाएंगे। ब्लैक कॉफ़ी में 60 प्रतिशत पोषक तत्व, 20 प्रतिशत विटामिन, 10 प्रतिशत कैलोरी, 10 प्रतिशत मिनरल्स पाये जाते हैं, जो शरीर को ताकत प्रदान करते हैं। 

ग्रीन कॉफी यानी ऊर्जा में वृद्धि
ग्रीन कॉफी कोई अलग प्रकार की कॉफ़ी नहीं होती है। इसे बनाने में कॉफ़ी के सामान्य बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। कॉफ़ी के बीजों को अगर भूना नहीं जाये तो वो बीज हरे रंग के ही बने रहते हैं। इन्हीं बीजों से ग्रीन कॉफ़ी तैयार की जाती है। काफी के बीजों में एक खास तत्व क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जोकि कॉफ़ी के बीज भूने जाने से खत्म हो जाता है।  वैज्ञानिक मानते है कि ग्रीन कॉफी में यह तत्व बना रहता है और यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। 

फायदों के साथ नुकसान का भी रखें ध्‍यान
हर चीज का फायदा और नुकसान होता है और किसी चीज की अति अच्छी नहीं होती। इसीलिए इस बात का ध्यान रखें क‍ि अत्याधिक रूप से कॉफी का सेवन न करें अन्यथा बेचैनी, घबराहट, पेट खराब होना जैसी समस्या हो सकती है। एक दिन में 3 कप कॉफी से ज्यादा न पियें। कैफीन का ज्यादा सेवन करने से शरीर की नसें भी कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा निराशा और अवसाद भी मस्तिष्क में जगह बना लेता है।


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