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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की तरफ से नहीं हो रही देरी

जस्टिस गोगोई ने कहा प्रधान न्यायाधीश के तौर पर मैं आपको बता रहा हूं कि केंद्र सरकार के पास लगभग 27 सिफारिशें लंबित हैं 70 से 80 सिफारिशें कोलेजियम के पास पड़ी हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 09:39 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की तरफ से नहीं हो रही देरी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की तरफ से नहीं हो रही देरी

 नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की वजह से देरी नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर जजों की नियुक्ति में कहीं देरी हो रही है तो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम जिम्मेदार है।

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प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, 'नियुक्तियां हो रही हैं। प्रधान न्यायाधीश होने के नाते, मैं आपको बता रहा हूं कि जो कुछ भी लंबित है वह सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम के पास लंबित है। सरकार के पास कुछ भी लंबित नहीं है।'

सुप्रीम कोर्ट एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआइएल) की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कहा गया था कि उच्च अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र सरकार अनावश्यक रूप से देरी कर रही है।

पीठ ने कहा कि देश के उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति से संबंधित ज्यादातर सिफारिशें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) की अध्यक्षता वाले कोलेजियम के पास लंबित है। जस्टिस गोगोई ने कहा, 'प्रधान न्यायाधीश के तौर पर मैं आपको बता रहा हूं कि केंद्र सरकार के पास लगभग 27 सिफारिशें लंबित हैं, 70 से 80 सिफारिशें कोलेजियम के पास पड़ी हैं।'

पीठ के यह बताने के बाद याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक सरकार के पास ढेर सारी सिफारिशें लंबित हैं। कोलेजियम द्वारा बार-बार कहे जाने के बाद भी केंद्र कोई फैसला नहीं कर रहा है।

पीठ ने इस पर किसी तरह का आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले पर सुनवाई की तारीख छह हफ्ते बाद तय की। इससे पहले, 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि वह आठ हफ्ते बाद इस पर सुनवाई करेगा। उस समय भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोई नोटिस नहीं जारी किया था।


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