जन्मदिन के बहाने विपक्ष की एकजुटता, मोदी सरकार पर बोला हमला
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई दलों के नेताओं ने विपक्ष की एकजुटता प्रमाण देने की अथक कोशिश की।
चेन्नई, प्रेट्र। द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के 94वें जन्मदिन पर विपक्ष का भारी जमघट लगा। लेकिन खराब सेहत के चलते खुद करुणानिधि इस अवसर पर मौजूद नहीं थे। उनके जन्मदिन पर आयोजित समारोह में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई दलों के नेताओं ने विपक्ष की एकजुटता प्रमाण देने की अथक कोशिश की। इन नेताओं ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
करुणानिधि के जन्मदिन के इस समारोह में शनिवार को राहुल और नीतीश के अलावा माकपा और भाकपा के महासचिव क्रमश: सीताराम येचुरी और एस.सुधाकर रेड्डी, तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी समेत कई बड़े विपक्षी नेता मौजूद रहे। इस मौके पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में एक ऐसी विचारधारा है जो समझती है कि उसके पास हर सवाल का जवाब है। लेकिन लोगों से जुड़े मुद्दों पर दूसरों से बात नहीं करती है। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 1.3 अरब लोगों की जेबों में रखे धन को बेमोल कर दिया था। इसके लिए उन्होंने किसी से नहीं पूछा। इतना बड़ा फैसला एकतरफा ले लिया।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कह रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट नोटबंदी के कारण आई है। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली इस पर अलग ही राय रखते हैं। जेटली आपको यह नहीं बता रहे हैं कि मोदी ने उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं बताया था। हम में से किसी में भी इतनी अकड़ नहीं है कि यह बताए कि आपके लिए क्या अच्छा है। राहुल ने कहा कि आज हम जिस तरह करुणानिधि के लिए बात करते हैं एक दिन स्टालिन के लिए करेंगे। बिहार के सीएम नीतीश ने हिंदी में कहा कि करुणानिधि उस विशाल कद के नेता हैं जिन्होंने सामाजिक न्याय और पिछड़े तबकों के लिए संघर्ष किया है। वहीं माकपा के राष्ट्रीय सचिव डी.राजा ने कहा कि करुणानिधि अगर मंच पर मौजूद रहते तो वह निश्चित रूप से देश में चल रही साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ बोलते।
राज्य के सचिवालय की शक्ल में सजे मंच पर एक के बाद एक सभी नेताओं ने पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि की शान में ढेरों कसीदे पढ़े। हालांकि वह खुद खराब स्वास्थ्य के चलते अपने गोपालपुरम निवास तक ही सीमित रहे। उनके स्वास्थ्य के चलते ही उन्हें व्हील चेयर से मंच पर लाने से रोका गया। उल्लेखनीय है कि करुणानिधि के बेटे और द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने इस बात का पहले ही संकेत दे दिया था कि उनके पिता डॉक्टरों की मंजूरी के बिना समारोह में भाग नहीं ले पाएंगे। करुणानिधि का पिछले साल दिसंबर में उनकी सांस की गति को बढ़ाने के लिए उनका आपरेशन हुआ था। तब से अब तक वह जनता के सामने नहीं आए हैं।
द्रमुक प्रमुख करुणानिधि के जन्मदिन के अलावा यह उनके सांसद बनने के 60 साल पूरे होने का भी अवसर था। इस मौके पर हजारों की तादाद में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक एकत्र हुए। करुणानिधि ने 1957 में पहली बार अविभाजित त्रिचुरापल्ली के कुलीथालाई से लोकसभा चुनाव जीता था।
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