Move to Jagran APP

दीपावली पूजा में रखें इन बातों का विशेष ख्याल, बोलें यह एक मंत्र

हर सनातनी को रात 9.19 बजे से पूर्व पूजन अवश्य कर लेना चाहिए। क्योंकि 9.20 बजे से कार्तिक शुक्ल पक्ष लग जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 08:36 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 08:36 AM (IST)
दीपावली पूजा में रखें इन बातों का विशेष ख्याल, बोलें यह एक मंत्र
दीपावली पूजा में रखें इन बातों का विशेष ख्याल, बोलें यह एक मंत्र

नई दिल्ली (जेएनएन)। दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है। श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि छह नवंबर को ही लग गई है जो सात नवंबर को रात्रि 9.19 बजे तक रहेगी। इस लिहाज से दीप ज्योति पर्व दीपावली सात नवंबर को मनाया जाएगा। पं. द्विवेदी के अनुसार, कार्तिक अमावस्या में इस बार स्थिर लग्न सिंह नहीं मिल रहा है, अत: हर सनातनी को रात 9.19 बजे से पूर्व पूजन अवश्य कर लेना चाहिए। क्योंकि 9.20 बजे से कार्तिक शुक्ल पक्ष लग जाएगा।

loksabha election banner

पूजन मुहूर्त : दीपावली पूजन का मुहूर्त सात नवंबर को स्थिर लग्न वृषभ शाम 6.03 से रात 8 बजे तक उत्तम रहेगा। इसके पहले भी पूजा की जा सकती है। स्थिर लग्न कुंभ 1.27 दिन से 2.58 बजे तक शुभकारी रहेगा।

स्वाती नक्षत्र का है अद्भुत संयोग: कार्तिक अमावस्या यानी दीपावली पर प्रदोष काल में इस बार स्वाति नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है। स्वाति नक्षत्र सात नवंबर को रात्रि 8.16 बजे तक है।

कथा : मान्यता है कि रावण पर विजय प्राप्त कर भगवान श्रीराम के वापस आने पर अयोध्यावासियों ने प्रसन्नता में दीपोत्सव मनाया था। ब्रह्म पुराण अनुसार, ‘कार्तिक अमावस्या को अर्धरात्रि के समय गणोश-लक्ष्मी, इंद्र-कुबेर सद्गृहस्थों के घरों में जहां-तहां विचरण करते हैं। इसलिए अपने निवास स्थान को सब प्रकार से स्वच्छ शुद्ध व कर लेना चाहिए। मान्यता है कि दीपावली मनाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो चिरकाल तक घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं।

पूजन सामग्री : लाल वस्त्र आसन पर लक्ष्मी-गणोश, कुबेर-इंद्र की प्रतिमा या यंत्र स्थापित कर पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करें। भगवती लक्ष्मी की प्रसन्नता व कृपा प्राप्त करने के लिए बेल की लकड़ी, बेल की पत्ती व बेल के फल से हवन करना चाहिए। आज के दिन कमल गट्टा का हवन विशेष फलदायी होता है।

मंत्र: ‘ओम् श्रीं श्रीयै नम:’, ‘ओम् श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद’, ‘श्रीं ह्रीं श्रीं’, ‘ओम महालक्ष्मै नम:’ इन मंत्रों से पूजन करने से महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दीपावली पर श्रीसूक्तम का 16 बार पाठ और बेल की लकड़ी पर देशी घी से हवन लक्ष्मी कामना पूर्ण करने वाला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.